जुबिली न्यूज़ डेस्क
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मेरा हर संभव प्रयास है कि प्रदेश के बेटा- बेटी, भाई- बहन अपने स्वयं के काम- धंधे संचालित करें और सम्मान से जीवन जिएं। यह हो गया तो मानूँगा कि मेरा मुख्यमंत्री बनना सार्थक हुआ।
मुख्यमंत्री ने आज मिंटो हाल में 40 हजार ग्रामीण पथ विक्रेताओं को एक साथ दस- दस हजार रुपये के ऋण उपलब्ध कराने के लिए पट्टिका का अनावरण किया। इस अवसर पर वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, खनिज साधन एवं श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह और अपर मुख्य सचिव ग्रामीण एवं पंचायत विकास मनोज श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शहरी पथ व्रिकेताओं के लिए योजना आरंभ की गई थी। इससे प्रेरणा लेकर कोरोना काल में प्रभावित हुए छोटे कारोबारियों की मदद के लिए प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र के पथ विक्रेताओं के लिए भी योजना आरंभ की गई है।
छोटे स्तर पर संचालित काम- धंधों के लिए पूँजी के साथ-साथ आवश्यक प्रशिक्षण देने की व्यवस्था भी की जा रही है, जिससे पथ विक्रेता अपने कार्य को अधिक कुशलता से संचालित कर सकेंगे, उसमें लगातार विस्तार भी होगा। अब-तक प्रदेश में 1 लाख 41 हजार से अधिक हितग्राहियों के ऋण प्रकरण स्वीकृत किए जा चुके हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि पथ विक्रेताओं को पहचान-पत्र जारी किए जाएंगे। उनके काम के स्थान के निर्धारण के साथ- साथ पंजीयन प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी। इस दिशा में और क्या नवाचार हो सकता है, इस संबंध में भी सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देवास के रालामंडल की पिंकी से पूछा कि योजना की जानकारी कैसे मिली और पैसे मिलने में कोई परेशानी तो नहीं आई। तो पिंकी ने बताया कि योजना में मिले ऋण से सिलाई का काम बढ़ा है और अब स्वयं की दुकान खोलने और इंटरलॉक की मशीन लेने की योजना है। पिंकी ने मुख्यमंत्री से उनका हाल पूछा तो उन्होंने कहा कि- ‘बहनें ठीक तो मामा खुश’
विदिशा जिले के ग्राम इमलिया के वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि कोरोना काल में किराना दुकान पूरी तरह बन्द हो गई थी। इस योजना में मिले ऋण से उन्होंने सब्जी और फल की दुकान शुरू की। दुकान से अब प्रतिदिन लगभग पाँच सौ रुपये की आय हो जाती है। वे अब हर रोज किराने का एक आयटम अपनी दुकान में शामिल करते जा रहे हैं।
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