जुबिली न्यूज़ डेस्क
साल 2021 में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें असम, पश्चिम बंगाल सहित केरल राज्य भी शामिल है। इन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी अभी से सरकार बनाने के लिए पुरजोर कोशिश में लगी हुई है। इसके लिए पार्टी में नामचीन हस्तियों का शामिल करने का सिलसिला भी जारी है।केरल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है।
दरअसल देश में ‘मेट्रो मैन’ के नाम से मशहूर ई श्रीधरन भाजपा में शामिल होने वाले हैं। 21 फरवरी को केरल भाजपा प्रमुख के सुरेंद्रन की अगुवाई में होने वाली विजय यात्रा के दौरान वो औपचारिक रूप से पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। बता दें कि श्रीधरन को देश में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में बदलाव के लिए जाना जाता है।
‘Metro Man’ E Sreedharan to join BJP. He will formally join the party during its Vijay Yatra that will be led by Kerala BJP chief K Surendran from 21st February.
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— ANI (@ANI) February 18, 2021
गुरुवार को बीजेपी की तरफ से कहा गया कि ‘मेट्रो मैन’ ई श्रीधरन केरल विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी में शामिल होंगे। इस मामले में भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने बताया कि श्रीधरन 21 फरवरी को कासरगोड़ से पार्टी की ‘विजय यात्रा’ शुरू होने के दौरान ही बीजेपी में शामिल होंगे। उन्होंने भाजपा के साथ काम करने की इच्छा जताई थी।
मेट्रो मैन ऐसे समय पर बीजेपी की सदस्यता ले रहे हैं जब इस साल राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। साऊथ में बीजेपी अपने विस्तार के लिए यहां विजय यात्रा की शुरुआत कर रही है। यह रथ यात्रा 21 फरवरी को कासरगोड से शुरू होगी और मार्च के पहले हफ्ते के आसपास तिरुवनंतपुरम में खत्म होगी।
गौरतलब है कि ‘मेट्रो मैन’ श्रीधरन 31 दिसंबर, 2011 को डीएमआरसी के प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। मेट्रो रेल परियोजना के शुभारंभ के बाद ही भारतीय इंजीनियर को भारत के ‘मेट्रो मैन’ का सम्मान प्राप्त हुआ। उन्होंने डीएमआरसी की स्थापना के बाद से इससे जुड़े सारे मामलों को हल किया था। साथ ही उन्होंने बजट के अंदर और समय से पहले ही परियोजना को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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मालूम हो कि श्रीधरन का जन्म 12 जून, 1932 को केरल के पलक्कड़ जिले में हुआ था। उन्होंने भारत की कुछ सबसे सफल रेलवे और मेट्रो परियोजनाओं को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई है। उन्हें कोंकण रेलवे के सफल निर्माण का भी श्रेय दिया जाता है। यह परियोजना आजादी के बाद भारत के पश्चिमी तट को जोड़ने वाली सबसे बड़ी रेल परियोजना है।