जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भूमि विवादों को पूरी तरह खत्म करने की कवायद के तहत जारी ‘विशेष वरासत अभियान’ 15 फरवरी के स्थान पर अब इस माह के अंत तक चलाया जायेगा।
ग्रामीण अंचलों में विशेषकर इस अभियान के प्रति खासी दिलचस्पी दिख रही है जिसके चलते दो महीने के भीतर सात लाख से अधिक वरासत संबंधी मामलों का निस्तारण हो गया जिसे देखते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अभियान को 28 फरवरी तक बढ़ाए जाने का निर्देश दिया है।
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राजस्व सचिव संजय गोयल ने बताया कि 15 दिसंबर से ‘आपकी जमीन, आपका अधिकार, सबको मिले अपना उत्तराधिकार’ के संकल्प से शुरु हुए विशेष वरासत अभियान के तहत अब तक सात लाख 73 हजार 562 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से सात लाख 43 हजार 396 मामलों का निस्तारण कर दिया गया है।
ग्रामीणों से प्राप्त शेष बचे 30 हजार 166 आवेदनों को निस्तारित करने की प्रक्रिया चल रही है। इन सभी प्रकरणों को शीघ्र निस्तारित कर दिया जाएगा। उन्होने दावा किया कि राजस्व विभाग द्वारा चलाया गया यह एक बड़ा सफल अभियान साबित हुआ है।
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विशेष वरासत अभियान के तहत लंबित वरासत के प्रकरणों को निस्तारित करने के लिए करीब 23 हजार लेखपाल और 2700 राजस्व निरीक्षण गांव-गांव गए और वर्षों से लंबित प्रकरणों का निस्तारण किया। पहली बार राज्य में इस तरह का अभियान चलाया गया है।
गोयल ने कहा कि राज्य में वरासत संबंधी विवादों को पूरी तरह से खत्म करने के लिए पांच चरणों में चलाए गया यह अभियान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देश में तैयार किया किया गया था।
जिसके तहत बीते 15 दिसंबर से इस 15 फरवरी तक राज्य के सभी गांवों में वरासत से संबंधित लंबित प्रकरणों का निस्तारण किया जाना था। इस अभियान की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि उक्त अभियान को बेहद गंभीरता से चलाया जाए और इस के खत्म होने तक वरासत संबंधी सभी लंबित प्रकरण समाप्त हो जाने चाहिए।
उन्होने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा साफ थी कि राज्य में वरासत से संबंधित सभी लंबित प्रकरणों का निस्तारण कर दिया जाए, क्योंकि इन प्रकरणों के लंबित रहने से भूमि के विवाद होते हैं।
योगी ने राज्य के सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को विशेष वरासत अभियान में प्राप्त आवेदनों का शत-प्रतिशत ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि राजस्व ग्राम समिति की बैठक के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि इस अभियान में अधिकतम सहभागिता सुनिश्चित की जा सके।
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