जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि नये कृषि कानून किसान को आजाद नहीं बल्कि पूरी तरह बर्बाद कर देंगे। मांट विधानसभा में किसान पंचायत को संबोधित करते हुये जयंत ने कहा कि सरकार कह रही है कि आज किसान आजाद हो गया है वो अपनी फसल को देश के किसी भी हिस्से में बेच सकता है। इसमें नया क्या है।
किसान कभी भी बंधक नहीं था कि वो किसी दूसरे राज्य में अपनी फसल को नहीं बेच सके। आज तक सरकार इस बिल में किसानों के लिए क्या अच्छा है वो नहीं बता पाई हैं। उन्होंने कहा कि आज किसान सरकारी अधिकारियों से परेशान होकर आत्महत्या कर रहे हैं।
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अलीगढ़ में रामजी लाल ने बिजली अधिकारी से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। आज आवारा पशु खेतों में 56 भोग कर रहे हैं, डीजल और पेट्रोल के भाव बेहताशा बढ़ रहे हैं, डीएपी का बोरा सरकार 1250 से 1400 करने की फिराक में है, यूरिया के बोरे का वजन पांच किलो कम कर दिया।
रालोद नेता ने कहा कि सरकार को लगता है कि किसान नासमझ है उसे कुछ समझ में नहीं आता है। पर वे गलती कर रहे हैं किसान सिर्फ मेहनत ही नहीं करता है वो अपनी मेहनत का सही दाम लेना भी जानता है। होना तो यह चाहिए कि पूरे देश के किसान से एमएसपी पर तय किए गए भाव में ही फसल खरीदी जाए पर हो इसके उलट रहा है।
उन्होने कहा नरेन्द्र मोदी 2011 में एमएसपी पर कानून की बात करते थे और आज एमएसपी को खत्म करने पर उतारू हैं। मोदी 2017 में जब उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के लिए आए थे तो वादा करके गए थे कि गन्ने का रेट 400 प्रति क्विंटल होना चाहिए और 14 दिन में भुगतान। 400 का रेट तो छोड़िए 3 साल से एक रुपया तक नहीं बढ़ाया।
इसलिए आप को फैसला लेना होगा और लकीर खींच लीजिए इस बात को लेकर कि कौन आपका है और कौन आपके ख़िलाफ़ है। आपको सबक सीखाना होगा ताकि भविष्य में भी कोई भी सरकार आ जाए किसान की तरफ आंख उठाकर न देख पाए।
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