जुबिली न्यूज डेस्क
पुरातत्वशास्त्रियों ने पांच हजार साल पुरानी भारी मात्रा में शराब बनाने वाली ब्रुअरी यानी शराब की भट्टी ढूंढ निकाली है। ऐसा अनुमान है कि यह दुनिया की सबसे पुरानी शराब की भट्टी हो सकती है।
यह भट्टी मिश्र में अंतिम संस्कार करने वाली जगह के पास मिली है। बीते शनिवार को मिस्र के पर्यटन मंत्रालय ने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसकी खोज नॉर्थ एबिडोस के सोहाग में मिस्र और अमेरिका की एक संयुक्त टीम ने किया है।
पुरातत्वविदों के अनुसार यह शराब की भट्टी किंग नारमेर के जमाने की हो सकती है। दरअसल नारमेर ने 5000 साल पहले मिस्र में शासन किया था।
नारमेर ने ऊपरी और निचले मिस्र को एकजुट कर पहले राजवंश की स्थापना की थी।
20वीं सदी की शुरुआत में ब्रिटिश पुरातत्वशास्त्रियों ने पहली बार ब्रुअरी के अस्तित्व का पता लगाया था, लेकिन इसकी जगह का कभी भी सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सका।
फिलहाल मिस्र और अमेरिका की संयुक्तटीम इसकी जगह और फिर ब्रुअरी को ढूंढने में सफल रही।
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पुरातत्वशास्त्रियों के अनुसार इस ब्रुअरी में आठ बड़े हिस्से हैं। इनका इस्तेमाल बीयर बनाने के लिए होता था। इस ब्रुअरी के कई हिस्से हैं जिनमें मिट्टी के 40 बड़े बर्तन हैं जिन्हें दो कतारों में व्यवस्थित किया गया है।
बीयर बनाने के लिए अनाज और पानी के मिश्रण का इस्तेमाल किया जाता था। इन्हें हौज में उबाला जाता था। इन हौज को बेसिन के साथ मिट्टी के बने लीवरों के सहारे टिकाया गया था।
इस बारे में न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के पुरातत्वशास्त्री मैथ्यू एडम्स का कहना है कि शोध से पता चला है कि इस ब्रुअरी से एक बार में 22,400 लीटर शराब बनाई जाती थी।
इस रिसर्च के लिए बनाई गई संयुक्त टीम का नेतृत्व मैथ्यू एडम्स ही कर रहे थे। टीम की तरफ से जारी बयान में एडम्स के हवाले से कहा गया है, “इस जगह को खास तौर से शाही रिवाजों के दौरान शराब परोसने के लिए बनाया गया था जो राजा के अंतिम संस्कार के दौरान होता थे।”
बयान में ये भी कहा गया है कि कुर्बानी के दौरान जो रिवाज होते थे उसमें बीयर का इस्तेमाल करने के सबूत मिले हैं।
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दरअसल मिस्र में बीयर बनाने की बात नई नहीं है। पहले भी कई शोध में बीयर बनाने की जानकारी मिली थी।
जिन बर्तनों में मिस्रवासी बीयर बनाते थे उसके टुकड़े 2015 में तेल अवीव में खोजी गई एक प्राचीन इमारत से भी मिले थे। यह भी करीब 5000 साल पुराने थे।
एबिडोस के जिस इलाके में यह ब्रुअरी मिली है वहां इस साल और भी कई प्राचीन चीजें सामने आईं हैं। यह जगह अपने मंदिरों के लिए विख्यात है।
कुछ दिनों पहले ही मिस्र के एलेकसैंड्रिया शहर के पास 2000 साल पुरानी कई ममियों की खोज की गई थी। इन ममियों को सोने की तावीजें भी पहनाई गई हैं।
इन तावीजों को मरने वाले के मुंह में इसलिए रखा जाता था जिससे कि वो मरने के बाद भी बोल सकें।
मिस्र ने इस साल कई खोजों की जानकारी दी है। ऐसी उम्मीद है कि इन सब की वजह से देश में पर्यटन उद्योग नई ऊंचाई पर पहुंचेगा।
हालांकि हाल के वर्षों में साल 2011 की अरब वसंत क्रांति से लेकर कोरोना वायरस की महामारी तक इसने कई मुश्किलें देखी हैं। अधिकारियों ने 2020 में करीब डेढ़ करोड़ सैलानियों के आने की उम्मीद लगाई थी, लेकिन कोरोना के कारण कम ही लोग आ सके।