Friday - 25 October 2024 - 7:19 PM

उत्तराखंड : मिले पांच और शव मरने वालों का आंकड़ा पहुंचा 43

जुबिली न्यूज़ डेस्क

देवभूमि उत्तराखंड में बीती सात फरवरी को आई भीषण त्रासदी में आये दिन मरने वालों की संख्या बढ़ रही है।ये संख्या बढ़कर अब 43 पहुंच गई है। दरअसल ग्लेशियर टूटने से आए सैलाब के बाद तपोवन सुरंग पूरी तरह से मलबे की वजह से बंद हो गई जिसमें अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी हैं।

अभी तक इस सुरंग की खुदाई 136 मीटर तक पहुंच गई है। रविवार को रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान तपोवन सुरंग में पांच और शव बरामद हुए, इसके बाद मरने वाले लोगों की संख्या 43 हो गई है।

बताया जा रहा है कि अभी भी इस टनल में कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। करीब 165 लोग अभी भी इस त्रासदी के बाद से लापता है। रेस्क्यू टीमों ने खुदाई का काम तेज कर दिया है।

वहीं इस मामले चमोली की डीएम स्वाति भदोरिया ने बताया कि टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन को और तेज कर दिया गया है। हालांकि, मौसम विभाग का कहना है कि 14 से 16 फ़रवरी के बीच मौसम खराब रहेगा। भारी बारिश की संभावना है, ऐसे में रेस्क्यू टीम की परेशानी बढ़ सकती है।

उत्तरखंड के डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि टनल में 7 फरवरी से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। उत्तराखंड पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवान इस रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए। एनडीआरएफ अब कैमरे के जरिये टनल के भीतर लोगों को तलाश करने की कोशिश में लगी हुई है।

उन्होंने बताया कि आई त्रासदी के बाद ऋषि गंगा की अपर स्ट्रीम में बनी झील से फिलहाल कोई भी खतरा नजर नहीं आ रहा है। यहां से  लगातार पानी का रिसाव हो रहा है। इस झील के सामने आने से खतरे की आशंका जताई गई थी। रेस्क्यू टीम ने इसकी जांच की है। साथ ही इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर झील का स्थलीय निरीक्षण कर आलाधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी  है।

इसके अलावा  डीजीपी ने झील के किनारे वार्निंग ऑटोमेटिक अलार्म सिस्टम भी लगाने की बात कही है। इस सिस्टम का यूज़ तब होगा जब  झील से कोई बड़ा खतरा बन रहा हो तो सिस्टम ओटोमेटिक अलार्म देकर लोगों को अलर्ट करेगा। ये सिस्टम पेंग गावं, रैणी और तपोवन में लगाया जाएगा।

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जब तक ये अलार्म सिस्टम नहीं लगता है तब तक एसडीआरएफ की टीम तैनात रहेंगी, जो अलार्मिंग सिस्टम का काम करेंगीं। टीम तीनों गांव में रहेगी।

बता दें कि उत्तराखंड के चमोली में बीते 7 फरवरी को ऋषि गंगा नदी में ग्लेशियर फटने से भीषण तबाही मचाई । बाढ़ से कई गांवों में तबाही मच गई। इसके बाद से आपदा में फंसे सैकड़ों लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन दिन-रात चल रहा है।

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