Wednesday - 30 October 2024 - 6:05 PM

चीन के साथ विवाद को लेकर सदन में क्या बोले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

जुबिली न्यूज डेस्क

चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य सभा में बयान दिया। उन्होंने कहा कि मैं सदन को यह बताना चाहता हूं कि भारत ने चीन को हमेशा यह कहा है कि द्वीपक्षीय संबंध दोनों पक्षों के प्रयास से ही बन सकते हैं।

साथ ही सीमा पर लगातार उठ रहे प्रश्न को भी बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है। भारतीय सेनाओं ने हर चुनौतियों का डट कर सामना किया और अपने शौर्य एवं पराक्रम का परिचय दिया।

इसके अलावा उन्होंने सदन को बताया कि चीनी सेना पीछे हटने को तैयार हो गई है। दरअसल बुधवार को खबर आई थी कि चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर तैनात भारत और चीन के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है।

उन्होंने कहा कि एलएसी पर शांति और स्थिरता में किसी प्रकार की प्रतिकूल स्थिति का प्रभाव हमारी द्वीपक्षीय संबंधों पर बुरा असर डालता है। हमारी सशस्त्र सेनाओं द्वारा भारत की सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त और प्रभावी काउंटर तैनात किए गए हैं। एलएसी तथा सीमाओं पर शांति और स्थिरता कायम रखना द्वीपक्षीय संबंधों के लिए अत्यंत आवश्यक है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि सदन में यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारे इस दृष्टिकोण और निरंतर वार्ता के फलस्वरूप चीन के साथ पैंगोंग झील के दक्षिण एवं पश्चिमी बैंक पर चीनी सेना के पीछे हटने का समझौता हो गया है। इस समझौते के बाद, भारत-चीन चरणबद्ध तरीके से आगे की तैनाती को हटाएंगे।

राजनाथ सिंह ने बताया कि यह बताते हुए मुझे गर्व हो रहा है कि भारतीय सेनाओं ने सभी चुनौतियों का डट कर सामना किया है और अपने शौर्य एवं बहादुरी का परिचय पैंगोंग त्से के साउथ एवं नॉर्थ बैंक पर दिया है।

भारतीय सेनाएं अत्यंत बहादुरी से लद्दाख की ऊंची दुर्गम पहाड़ियों तथा कई मीटर बर्फ के बीच में भी सीमाओं की रक्षा करते हुए अडिग हैं और इसी वजह से हमारा एज बना हुआ है। हमारी सेनाओं ने साबित करके दिखाया है कि भारत की संप्रभुता एवं अखंडता की रक्षा करने में वे हर चुनौती से लड़ने के लिए तत्पर हैं और अनवरत कर रहे हैं।

ये भी पढ़े : फिर सबक दे गया उत्तराखंड का हादसा

उन्होंने कहा कि, ‘ इस बातचीत में हमने कुछ भी खोया नहीं है. दोनों पक्ष पूर्ण डिसएंगेजमेंट को लेकर सहमत हैं। हालांकि अभी भी एलएसी पर डिप्लॉयमेंट तथा पेट्रोलिंग के बारे में कुछ मुद्दें बचे हुए हैं। इन पर हमारा ध्यान आगे की बातचीत में रहेगा। । चीन भी देश की संप्रभुता की रक्षा के हमारे संकल्प से अवगत है। ऐसी अपेक्षा है कि चीन भी हमारे साथ मिलकर बचे हुए मुद्दों को हल करने का प्रयास करेगा।’

ये भी पढ़े : देश में अभी भी 66,692 लोग करते हैं मैला ढोने का काम

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com