जुबिली न्यूज़ डेस्क
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार माफियाओं और बाहुबलियों पर लगातार शिकंजा कस रही है। इस कड़ी में सरकार ने पूर्वांचल के बाहुबली के परिजनों पर शिकंजा कसा है।
दरअसल सरकार ने पूर्वांचल के बाहुबली मुख़्तार अंसारी, उनकी पत्नी और दोनों बेटों के पासपोर्ट को जब्त कर लिया है। साथ ही सभी के पासपोर्ट को पुलिस ने जमा करा लिया है। बता दें कि मुख़्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में बंद हैं, जिसे यूपी लाने कि कवायद चल रही है।
उत्तर प्रदेश सरकार मुख़्तार को यूपी लाने की तैयारी चल रही हैं। लेकिन पंजाब सरकार ने ऐसा करने से मना कर दिया है और इसके लिए पंजाब सरकार ने मुख्तार की खराब सेहत का हवाला दिया है। इसके बाद से ये मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया है। इसकी सुनवाई सोमवार को हुई।
गौरतलब है कि सुप्रीमकोर्ट में मुख्तार अंसारी ने एक हलफनामा दाखिल किया था जिसमें उन्होंने यूपी ट्रांसफर किए जाने का विरोध जताया था। हलफनामे में उन्होंने कहा था कि वो एक ऐसे परिवार का हिस्सा है जिसने स्वतंत्रता आंदोलन में बड़ा योगदान दिया है। इसके अलावा उसके परिवार से निकले हामिद अंसारी देश के उपराष्ट्रपति रहे हैं।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि वह खुद भी उत्तर प्रदेश के मऊ से पांच बार विधायक रह चुके हैं। वह डॉ मुख्तार अहमद अंसारी का ग्रैंडसन है जो कि एक स्वतंत्रता सेनानी थे और 1927-28 तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे थे। साथ ही वह जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के संस्थापक भी थे।
यही नहीं उन्होंने कहा कि पूर्व उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी, तत्कालीन ओडिशा के राज्यपाल बाबा शौकतुल्ला अंसारी, इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस आसिफ अंसारी और खुद उनके पिता सुभानल्लाह अंसारी स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक कार्यकर्ता रहे थे।
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इसके अलावा उनके नाना ब्रेगेडियर उस्मान से जो 3 जुलाई 1948 को भारत-पाकिस्तान युद्घ में कश्मीर के लिये दुश्मनों से लड़ते हुए शहीद हो गये थे। इसके लिये उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र के लिये उनके नाम का चयन भी हुआ था।