Friday - 25 October 2024 - 9:27 PM

इस देश के अधिकतर हिंदू धार्मिक स्थलों की हालत खराब: रिपोर्ट

जुबिली न्यूज़ डेस्क

पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के अधिकतर धार्मिक स्थल खराब हालत में हैं और उनके रख-रखाव के लिए जिम्मेदार प्राधिकरण अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम रहा है। यह खुलासा हुआ है पाक सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाए गए आयोग की रिपोर्ट में।

रिपोर्ट में बताया गया है कि अधिकांश हिंदू मंदिरों के खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। रिपोर्ट में उन सरकारी अधिकारियों की आलोचना भी की गई है जो रखरखाव करने में नाकाम रहे है।

ये भी पढ़े: PM के भाषण के बाद टिकैत ने क्या कहा

ये भी पढ़े: शिवराज से मिले ट्राइडेंट समूह के पदाधिकारी, निवेश की इच्छा जताई

डॉन के मुताबिक हिंदू मंदिरों को लेकर तैयार की गई इस रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के सामने पांच फरवरी को पेश किया। इसमें कहा गया है कि हिंदू समुदाय के अधिकांश पूजा स्थालों की स्थिति खराब है। ये रिपोर्ट देश में समुदाय के सबसे पवित्र स्थलों की निराशाजनक तस्वीर प्रस्तुत करती है।

hindu temple are in bad condition in pakistan

ये भी पढ़े: आप भी खाली पेट करते हैं इन चीजों का सेवन, तो हो जायें सावधान

ये भी पढ़े: सपा का क्या है ‘महिला घेरा’ आंदोलन, अखिलेश ने की ये अपील

रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि मंदिरों के रखरखाव की जिम्मेदारी जिस इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) को सौंपी गई है, वो अल्पसंख्यक समुदाय के पूजा स्थलों को ठीक- ठाक दशा में बनाए रखने में विफल रहा है।

रिपोर्ट के सामने आने के बाद इमरान सरकार के उन दावों की भी पोल खुल गई है, जिसमें उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा का वादा किया था।

जानकारी के मुताबिक उच्चतम न्ययाालय ने डॉ. शोएब सडल के एक सदस्यीय आयोग का गठन किया था, इसमें तीन सहायक सदस्यों डॉ. रमेश वंकवानी, साकिब जिलानी और पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल शामिल थे। उन्हें आयोग की तथ्यान्वेषी गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए उप अटॉर्नी जनरल नामित किया गया था।

ये भी पढ़े: इस गाने पर जमकर नाची ‘भाभी जी’ वीडियो हो रहा वायरल, देखें Video

ये भी पढ़े: अप्रैल से सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर वाहन भरेंगे फर्राटा

आयोग के सदस्यों ने 6 जनवरी को चकवाल में कटास राज मंदिर और सात जनवरी को मुल्तान में प्रह्लाद मंदिर का दौरा किया था। रिपोर्ट में बताया गया है कि टेर्री मंदिर (करक), कटास राज मंदिर (चकवाल), प्रह्लाद मंदिर (मुल्तान) और हिंगलाज मंदिर (लसबेला) की हालत सुधारने के लिये लिये संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है।

रिपोर्ट में हिंदू और सिख समुदाय से संबंधित पवित्र स्थलों के पुनर्वास के वास्ते एक कार्यसमूह बनाने के लिये ईटीपीबी अधिनियम में संशोधन करने का भी सुझाव दिया गया है। इस रिपोर्ट में सर्वोच्च न्यायालय से अनुरोध किया गया है कि वह ईटीपीबी का निर्देश दे कि वह खस्ताहाल टेर्री मंदिर / समाधि के पुनर्निर्माण में हिस्सा ले और समय-समय पर शीर्ष अदालत द्वारा दिए गए निर्देशों के कुशल कार्यान्वयन के लिए खैबर पख्तूनख्वा सरकार के साथ सहयोग करे।

उच्चतम न्यायालय ने 5 जनवरी के अपने आदेश में ईटीपीबी को निर्देश दिया था कि वह पूरे पाकिस्तान के उन सभी मंदिरों, गुरुद्वारों और अन्य धार्मिक स्थलों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करे जो उसके दायरे में आते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ईटीपीबी पत्र के अनुसार वह 365 मंदिरों में से केवल 13 का प्रबंधन देख रहा है जबकि 65 धार्मिक स्थलों की जिम्मेदारी हिंदू समुदाय के पास है जबकि शेष 287 स्थल भूमाफियाओं के कब्जे में हैं।

ये भी पढ़े: शहरों में वायु प्रदूषण रोकने के लिए क्या है सरकार की योजना

ये भी पढ़े: क्या ATM धारकों को ट्रांजैक्शन फेल होने पर देना होगा जुर्माना

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com