जुबिली न्यूज डेस्क
म्यांमार की सेना के लिए लोकतंत्र से ज्यादा अहम फेसबुक है। एक फरवरी को तख्तापलट करने वाली म्यांमार की सेना ने जहां लोकतंत्र को एक साल के लिए निलंबित किया है तो वहीं फेसबुक को सिर्फ चार दिन के लिए ब्लॉक किया है।
म्यांमार सेना ने गुरुवार को फेसबुक ब्लॉक कर दिया। सैन्य अधिकारियों के शीर्ष समूह, जुंटा का कहना है कि चार दिन बाद फेसबुक पर लगी रोक हटा दी जाएगी। वहीं इसके विपरीत लोकतंत्र पर लगी रोक एक साल तक जारी रहेगी।
दरअसल तख्ता पलट करने वाली सेना को आशंका है कि फेसबुक के जरिए राजनीतिक पार्टियां और नागरिक अधिकार संगठन बड़े प्रदर्शन आयोजित कर सकते हैं।
50 फीसदी आबादी करती है फेसबुक का इस्तेमाल
बीते 7-8 साल में फेसबुक म्यामांर में सूचना शेयर करने का सबसे अहम प्लेटफॉर्म बन गया है। 5.4 करोड़ आबादी वाले म्यामांर में 50 फीसदी लोग फेसबुक इस्तेमाल करते हैं। फेसबुक वहां फ्री डाटा सर्विस के साथ चलता है।
दरअसल सेना को ये भलीभांति जानती है कि फेसबुक पर लंबे समय तक रोक लगाकर वह बड़ी आबादी को नाराज कर सकती है।
गुरुवार को एक बयान जारी कर म्यामांर के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कहा है कि फेसबुक पर रोक सात फरवरी तक है।
सूचना मंत्रालय के अनुसार “फिलहाल, जो लोग देश की स्थिरता को तंग कर रहे हैं, वे फेक न्यूज और गलत जानकारी फैला रहे हैं, इसकी वजह से फेसबुक इस्तेमाल करने वाले लोग भ्रमित हो रहे हैं।”
वहीं फेसबुक ने भी म्यामांर में अपनी सर्विस प्रभावित होने की जानकारी दी है। फेसबुक के अनुसार, उसकी व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम जैसी दूसरी सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं।
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सू ची के खिलाफ कई तरह के मुकदमे
एक फरवरी की रात में म्यामांर की सेना ने तख्ता पलट कर स्टेट काउंसलर आन सान सू ची को हिरासत में ले लिया। सेना ने नेशलन लीग फॉर डेमोक्रेसी के दूसरे प्रमुख नेताओं को भी गिरफ्तार कर लिया।
बुधवार को आंग सान सू ची के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज किए गए। सू ची पर इजाजत के बगैर वॉकी-टॉकी और रेडियो उपकरण रखने के आरोप लगाए गए हैं। वॉकी-टॉकी सू ची के गार्डों के क्वार्टर से जब्त किए गए।
सोशल मीडिया में तख्तापलट के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने सेना की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किए। कई यूजर्स ने अपनी नाराजगी का भी इजहार किया। सबसे बड़े शहर यांगोन में लोग गाडिय़ों का हॉर्न बजाकर भी विरोध जता रहे हैं।
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यूएन ने की आलोचना
यूएन महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से म्यांमार के तख्ता पलट को नाकाम करने की अपील की है। प्रतिष्ठित अमेरिकी अखबार द वॉशिंगटन पोस्ट से बात करते हुए गुटेरेश ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अहम किरदारों को सक्रि करने के लिए जो हो सकता है, हम वो करेंगे। हम म्यांमार पर दबाव डालेंगे और तय करेंगे कि ये तख्ता पलट नाकाम हो।”
मालूम हो म्यांमार में नवंबर 2020 में आम चुनाव हुए थे। चुनावों में सेना की छद्म पार्टियां भी थीं, लेकिन उनकी करारी हार हुई। सू ची की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी को जबरदस्त जीत मिली। इसके बाद म्यामांर के सेना प्रमुख मिन आंग लाई ने चुनावों में धांधली का आरोप लगाते हुए तख्ता पलट को जायज ठहराने की कोशिश की है।
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