जुबिली न्यूज डेस्क
भारत में चल रहे किसानों के आंदोलन पर बीते दिनों कुछ अंतरराष्ट्रीय हस्तियों ने ट्वीट किया। इस ट्वीट पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी, जबकि अब तक ऐसा होता नहीं रहा है। अमूमन सेलीब्रेटी की प्रतिक्रिया पर भारत सरकारें प्रतिक्रिया नहीं देती, विदेश मंत्रालय रिएक्ट नहीं करता। जब कोई देश रिएक्ट करता है, कोई प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति भारत के बारे में कमेंट करता है तो भारत सरकार प्रतिक्रिया देती है, अगर उसे जरूरी लगता है तो।
लेकिन कुछ अंतरराष्ट्रीय हस्तियों द्वारा किसान आंदोलन को लेकर किए गए ट्वीट के बाद भारत सरकार ने बड़ी तीखी प्रतिक्रिया दी है और बहुत लंबी-चौड़ी प्रतिक्रिया दी। और ये जो प्रतिक्रिया है ये बहुत गहरे सवाल खड़े करता है। भारत सरकार की तरफ से प्रतिक्रिया में जो कहा गया है उस पर सवाल उठना लाजिमी है।
सवाल यह है कि क्या नरेंद्र मोदी सरकार और सत्तारूढ़ बीजेपी के लोग किसान आन्दोलन को मिल रहे अंतरराष्ट्रीय समर्थन से बौखला गए हैं? सवाल इसलिए क्योंकि सरकार की तरफ़ से #IndiaAgainstPropaganda और #IndiaTogether जैसे हैशटैग के साथ ज़ोरदार जवाबी हमला बोला गया है।
इस पलटवार में मोदी के मंत्री ही नहीं बल्कि कई फिल्मी कलाकार और चोटी के खिलाड़ी भी शामिल हैं, जिन्होंने रियाना और दूसरों को यह संदेश देने की कोशिश की है कि यह भारत का आंतरिक मामला है और इस पर पूरा देश एकजुट है।
अब जानिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस मामले में क्या कहा। बुधवार को शाह ने ट्वीट कर कहा-”कोई भी दुष्प्रचार भारत की एकता को खत्म नहीं कर सकता। कोई भी दुष्प्रचार भारत को नई ऊंचाई हासिल करने से नहीं रोक सकता। भारत विकास के लिए एकजुट खड़ा हुआ है।”
No propaganda can deter India’s unity!
No propaganda can stop India to attain new heights!
Propaganda can not decide India’s fate only ‘Progress’ can.
India stands united and together to achieve progress.#IndiaAgainstPropaganda#IndiaTogether https://t.co/ZJXYzGieCt
— Amit Shah (@AmitShah) February 3, 2021
रियाना ने क्या कहा?
दरअसल मंगलवार को अमेरिकी पॉप सिंगर रियाना ने ट्वीट कर पूछा था कि “हम इस पर चर्चा क्यों नहीं कर रहे हैं?”, उन्होंने उसके साथ भारत में चल रहे किसान आन्दोलन पर सीएनएन में छपी खबर लगाई थी। इसके बाद कई लोगों ने उनका समर्थन किया था।
रियाना के इस ट्वीट पर भारत के विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी कर औपचारिक रूप से रियाना के ट्वीट को ‘गैर-जिम्मेदाराना’ बताया था और कहा था कि तथ्यों की पड़ताल कर ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए।
लेकिन यह मामला यहीं नहीं रुका। कई केंद्रीय मंत्रियों ने इस पर ट्वीट किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने ट्वीट में लिखा, “ऐसे अहम मुद्दों पर कोई टिप्पणी करने से पहले हम आग्रह करना चाहेंगे कि तथ्यों के बारे में ठीक से पता लगाया जाए और मामले पर उचित समझ रखते हुए कुछ कहा जाए।”
क्या कहा फिल्म कलाकारों ने?
मंत्रियों के अलावा अक्षय कुमार, अजय देवगन, सुनील शेट्टी जैसे कई बॉलीवुड कलाकारों ने ट्वीट किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू करने वाले फिल्म कलाकार अक्षय कुमार ने कहा, “किसान देश का बहुत ही अहम हिस्सा हैं। उनके मसलों का समाधान करने की हरेक कोशिश की जा रही है, और वह नजर भी आ रही है। आइए, सौहार्द्रपूर्ण समाधान का समर्थन करें, न कि बाँटने वाली बातों पर ध्यान दें। #IndiaTogether ”
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अभिनेता अजय देवगन ने ‘भारत के खिलाफ दुष्प्रचार में’ न पडऩे की सलाह दी तो वहीं अभिनेता सुनील शेट्ठी ने पूरा सच जानने की नसीहत देते हुए कहा कि आधे सच से ज़्यादा खतरनाक कुछ नहीं होता।
इस मामले में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टार सचिन तेंदुलकर ने कहा कि भारत की संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। उन्होंने इसके साथ ही पूरे देश को एकजुट होने की अपील कर डाली।
India’s sovereignty cannot be compromised. External forces can be spectators but not participants.
Indians know India and should decide for India. Let’s remain united as a nation.#IndiaTogether #IndiaAgainstPropaganda— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) February 3, 2021
दरअसल कुल मिलाकर यह बताने की कोशिश की गई कि यह भारत का आंतरिक मामला है, बाहरी लोग इसमें कुछ न बोलें। इसे देश की संप्रभुता पर खतरा तक मान लिया गया, लेकिन रियाना ने तो सिर्फ यह सवाल पूछा था कि इस किसान आन्दोलन पर कोई चर्चा क्यों नहीं हो रही है। उन्होंने न तो किसान आन्दोलन का विरोध किया था न ही समर्थन, न ही सरकार से कोई सवाल पूछा था।
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सवाल यह है कि जिस आन्दोलन से हजारों-लाखों लोग जुड़े हों, जिसके तहत दो महीने से लोग देश की राजधानी के नजदीक धरने पर बैठे हों, उस पर कोई कुछ न बोले?
सवाल उठता है कि यदि भारत के किसान आंदोलन पर दूसरे देश के लोग नहीं बोल सकते तो जब अमेरिका में ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आन्दोलन हुआ था तो भारत के लोगों ने कोई दिलचस्पी नहीं ली थी या ट्रंप के समर्थक जब अमेरिकी संसद में जबरन घुस गए थे और तोडफ़ोड़ की थी तो क्या किसी ने कुछ नहीं कहा था?
आज पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री चिदंबरम ने भी सवाल पूछते हुए कहा है कि पीएम मोदी ने अमेरिकी संसद में जब हमला हुआ था तो क्यों प्रतिक्रिया दिए। उनका सवाल पूछना लाजिमी है।
यह अच्छा है कि रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग विदेश मंत्रालय को जगा सकती हैं।
विदेश मंत्रालय कब महसूस करेगी की, मानव अधिकारों और आजीविका के मुद्दों को उठाने वाले लोग राष्ट्रीय सीमाओं को नहीं पहचानते हैं?— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 4, 2021
जिन कलाकारों और खिलाडिय़ों ने रियाना और ग्रेटा के ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है क्या उन्हें देश में दो महीने से चल रहे इतने बड़े आन्दोलन पर कुछ नहीं बोलना चाहिए? गाजीपुर में सड़कों पर कील लगा दिए गए हैं, क्या उन्हें उस पर कुछ नहीं कहना चाहिए?
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