जुबिली न्यूज डेस्क
भारत में हो रहे किसानों के आंदोलन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन मिल रहा है। कई अंतरराष्ट्रीय हस्तियों के किसानों के प्रदर्शन पर ट्वीट
कर समर्थन दिया है।
हालांकि भारत सरकार को यह अच्छा नहीं लगा है। किसान आंदोलन को मिल रहे समर्थन पर भारत के विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
फिलहाल भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने ट्वीट करके कहा है कि ट्रम्प समर्थकों द्वारा वॉशिंगटन में कैपिटल भवन पर हमले पर भारत के पीएम ने टिप्पणी क्यों की?
म्यांमार में सैन्य तख्तापलट पर विदेश मंत्रालय ने क्यों टिप्पणी की? यह विदेश मंत्रालय के लिए “गहराई से संबंधित” क्यों है?
विदेश मंत्रालय नियमित रूप से उन मुद्दों पर टिप्पणी क्यों करता है जो श्रीलंका और नेपाल के लिए “आंतरिक” हैं?— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 4, 2021
पी. चिदंबरम ने कई ट्वीट करते हुए विदेश मंत्रालय से सवाल पूछे हैं कि उन्होंने म्यांमार में सैन्य तख़्तापलट पर टिप्पणी क्यों की और वह नियमित रूप से श्रीलंका और नेपाल के मामलों पर टिप्पणी क्यों करता है?
म्यांमार में सैन्य तख्तापलट पर विदेश मंत्रालय ने क्यों टिप्पणी की? यह विदेश मंत्रालय के लिए “गहराई से संबंधित” क्यों है?
विदेश मंत्रालय नियमित रूप से उन मुद्दों पर टिप्पणी क्यों करता है जो श्रीलंका और नेपाल के लिए “आंतरिक” हैं?— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 4, 2021
यह अच्छा है कि रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग विदेश मंत्रालय को जगा सकती हैं।
विदेश मंत्रालय कब महसूस करेगी की, मानव अधिकारों और आजीविका के मुद्दों को उठाने वाले लोग राष्ट्रीय सीमाओं को नहीं पहचानते हैं?— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 4, 2021
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मालूम हो भारत के कई राज्यों के किसान मोदी सरकार के तीन विवादित कृषि कानून के खिलाफ पिछले 26 नवंबर से आंदोलन कर रहे हैं। सरकार और किसान संगठनों के बीच कई दौर की वार्ता के बाद भी अब तक कोई रास्ता नहीं निकल पाया है।
26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद किसानों पर सरकार की सख्ती के बाद किसानों ने सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई छेड़ दिए हैं।
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