जुबिली न्यूज़ डेस्क
हाल ही में द इकोनॉमिस्ट इंटेलीजेंस यूनिट (ईआईयू) ने लोकतंत्र सूचकांक जारी किया है। इस सूचकांक में भी भारत की स्थिति पहले से खराब हुई है। साल 2020 की लोकतंत्र सूचकांक की वैश्विक रैंकिंग में भारत दो पायदान फिसलकर 53 वें स्थान पर आ गया है।
इसके बाद ईआईयू ने जारी बयान में कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों से पीछे हटने और नागरिकों की स्वतंत्रता पर कार्रवाई को लेकर भारत पिछले साल की तुलना में दो पायदान फिसला है।
फ़िलहाल पडोसी देशों से भारत की स्थिति सही है। पिछले साल भारत को 6.9 अंक मिले थे, जो अब घटकर 6.61 अंक रह गए हैं। इसके बाद ये रैंक बढ़कर 53वें स्थान पर पहुंच गई है। वहीं, साल 2014 में भारत 7.92 अंक के साथ 27वें स्थान पर था।
वहीं, इस सूचकांक में पहले स्थान पर नॉर्वे है। इसके बाद आइसलैंड, स्वीडन, न्यूजीलैंड और कनाडा का नंबर है। इस सूचकांक में 167 देशों में से 23 को पूर्ण लोकतंत्र, 52 को त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र, 35 को मिश्रित शासन और 57 को सत्तावादी शासन के रूप में वर्गीकृत किया गया था। इसमें भारत को अमेरिका, फ्रांस, बेल्जियम और ब्राजील के साथ त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र के तौर पर वर्गीकृत किया गया है।
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बात करें भारत के पड़ोसी देशों की तो श्रीलंका 68वें, बांग्लादेश 76वें, भूटान 84वें और पाकिस्तान 105वें स्थान पर रहा। श्रीलंका को त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र की श्रेणी में रखा गया है, जबकि बांग्लादेश, भूटान और पाकिस्तान ‘मिश्रित शासन’ वर्ग में रखा गया है। अफगानिस्तान 139वें स्थान पर है और उसे ‘सत्तावादी शासन’ के तौर पर वर्गीकृत किया गया है।