जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। कोरोना वायरस की वैक्सिन भले ही आ गई हो लेकिन इसका खौैफ अभी खत्म नहीं हुआ है। हालांकि यूपी की योगी सरकार कोरोना पर काबू पाने का दावा जरूर कर रही लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही सामने आ रही है। वैक्सीन को लेकर योगी सरकार अक्सर अपनी पीठ थपथपाती नजर आती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन को लेकर बड़ा कदम उठाते हुए शुरुआती स्तर पर पहले तीन करोड़ स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाने की बात कही थी लेकिन इसमें में बड़ा खेल कर दिया गया है। वैक्सीन को लेकर यूपी में बेहद चौंकाने वाला मामले सामने आ रहे हैं।
जरूरी बात यह है कि वैक्सीन अभी आम लोगों को नहीं लग रही है बल्कि स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंटलाइन वर्कर्स को लगाया जा रहा है लेकिन यूपी में कुछ लोग स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाने के बजाये रिश्तेदारों और दोस्तों को लगाने में जुट गए है। इतना ही नहीं फर्जी दस्तावेज के सहारे इस पूरे काम को अंजाम दिया जा रहा है और सरकार इससे बेखबर है।
इस पूरे मामले पर जुबिली पोस्ट ने संज्ञान लिया तो उत्तर प्रदेश परिवार कल्याण महानिदेशक डॉ. राकेश दुबे ने सूबे के सभी समस्त मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र लिखकर सचेत किया है। पत्र में उन्होंने सख्त लहजे में कहा है कि यदि इस प्रकार का मामला भविष्य में संज्ञान में आता है तो कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
उधर मुख्यमंत्री योगी ने शनिवार को कोरोना नियंत्रण की समीक्षा के दौरान बताया था कि शुक्रवार को प्रदेश में एक लाख एक हजार से अधिक हेल्थ वर्कर्स का कोविड टीकाकरण किया गया।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 का टीकाकरण केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देश के अनुसार किया जाए।
उन्होंने अभियान के पहले चरण में सभी हेल्थ वर्कर्स का वैक्सीनेशन देते हुए 15 फरवरी से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को वैक्सीन की सेकेंड डोज दी जाए।
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में वैक्सीन को लेकर बड़ा खुलासा सामने आया है। दरअसल यहां पर वैक्सीन स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंटलाइन वर्कर्स को लगाने के बजाये नर्सिंग होम के लोग अपने रिश्तेदारों को फर्जी पंजीकरण कराकर वैक्सीन लगाने का काम कर रहे हैं।
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जानकारी यहां तक मिल रही है कि यहां तक कि स्वास्थ्य महानिदेशालय और स्वास्थ्य महकमे जनपदीय कार्यालयों में तैनात लिपिकों को जो कि फ्रण्टलाइन स्वास्थ्यकर्मी नहीं हो सकते हैं उनका पंजीकरण करके वैक्सीन लगाई जा रही है। वहीं, कई अस्पतालों में मरीजों के सीधे सम्पर्क में आने वाले वार्ड ब्वाय, स्वीपर सहित कई स्वास्थ्य कर्मी अब तक इससे वंचित हैं।
अब बड़ा सवाल यह है कि वैक्सीन को लेकर जब सरकार ने पहले ही कह दिया था कि वैक्सीन सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंटलाइन वर्कर्स को लगायी जाएगी लेकिन अब ऐसे मामले सामने आने से सरकार पर सवाल खड़ा होना लाजिमी है।