जुबिली न्यूज़ डेस्क
कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शनकर रहे किसानों ने 26 जनवरी को दिल्ली की सड़कों पर शांतिपूर्ण तरीके से ट्रैक्टर परेड निकालने का वादा किया था, मगर यह वादा खोखला साबित हुआ। गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में दिनभर चारों तरफ बवाल और झड़पें होती रहीं। जिसके बाद इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया था।
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हालांकि, दिल्ली-एनसीआर में बुधवार सुबह 10: 30 बजे के करीब इंटरनेट सेवा बहाल हो गई। इससे दिल्ली-एनसीआर के करोड़ों लोगों ने राहत की सांस ली है। इससे पहले मंगलवार को दोपहर में दिल्ली के कई इलाकों के साथ सोनीपत, नोएडा और गाजियाबाद में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी।
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दिल्ली पुलिस की माने तो 26 जनवरी को आंदोलनकारी किसानों द्वारा पुलिस पर हमला करने से 300 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। आईटीओ में कल एडिशनल डीसीपी सेंट्रल के ऑपरेटर पर तलवार से हमला किया गया था।
किसानों के आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश लगातार चल रही थी। हमें डर था कि कोई साजिश कामयाब न हो जाए मगर आखिर में साजिश कामयाब हो गई। लाल किले में बिना किसी सांठगांठ के कोई नहीं पहुंच सकता। इसके लिए किसानों को बदनाम करना ठीक नहीं है: अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह pic.twitter.com/k0lBWd5iot
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 27, 2021
इस बीच अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि किसानों के आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश लगातार चल रही थी। हमें डर था कि कोई साजिश कामयाब न हो जाए मगर आखिर में साजिश कामयाब हो गई। लाल किले में बिना किसी सांठगांठ के कोई नहीं पहुंच सकता। इसके लिए किसानों को बदनाम करना ठीक नहीं है।