जुबिली न्यूज डेस्क
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी दिल्ली में उत्पात मचाने के बाद उग्र प्रदर्शनकारी अब धीरे-धीरे गाजीपुर बार्डर की ओर लौटने लगे हैं। दूसरी ओर किसान संगठनों ने साफ कह दिया है कि हिंसा करने वाले किसान उनके संगठन के नहीं हैं। हालांकि, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी की ओर से किसानों को संदेश भेजा गया है। किसानों से वापस सिंघु बॉर्डर लौटने का संदेश दिया गया है।
ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे प्रदर्शनकारियों के वापस लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है। सिंघु बॉर्डर से निकला किसानों का जत्था रिंग रोड से होते हुए बुराड़ी तक पहुंचा और वहां से वापस लौटने लगा है। इसके अलावा लाल किले से भी आंदोलनकारी वापस लौट रहे हैं। लाल किले के प्राचीर में अभी भी कुछ आंदोलनकारी डटे हैं, जिन्हें पुलिस बाहर निकाल रही है।
#WATCH A protestor hoists a flag from the ramparts of the Red Fort in Delhi#FarmLaws #RepublicDay pic.twitter.com/Mn6oeGLrxJ
— ANI (@ANI) January 26, 2021
लाल किले पर पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने हंगामा शुरू कर दिया है। इसके साथ ही संगठन का झंडा फहरा दिया गया है। हालांकि, कुछ ही देर में पुलिसकर्मियों ने इन झंडों को वहां से हटा दिया। इस दरौन नीचे खड़े प्रदर्शनकारी हूटिंग करते रहे। इसके बाद कई प्रदर्शनकारी गुंबदों पर झड गए और वहां भी झंडे लगा दिए। बता दें कि यह झंडा वहां फहराया गया है, जहां 15 अगस्त को प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं।
ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद गृह मंत्रालय में बैठक हो रही है, जिसमें कई अधिकारी शामिल हैं. दिल्ली में सुरक्षा के हालात पर ये बैठक हो रही है। इस बीच, किसान लाल किले से वापस सिंघु बॉर्डर की ओर लौटने लगे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से मिले आदेश के बाद किसान वापस सिंघु बॉर्डर लौट रहे हैं।
इस बीच आईटीओ और लाल किले में हुए को देखते हुए सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, मुकरबा चौक और नांगलोई में इंटरनेट सेवा बंद को आज रात 12 बजे तक बंद कर दिया गया है।
दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च के दौरान एक किसान की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि डीडीयू मार्ग पर एक किसान का ट्रैक्टर पलट गया, जिससे ट्रैक्टर चालक की मौके पर मौत हो गई।
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इस बीच खबर आ रही है कि नोएडा-दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के द्वारा दिल्ली की ओर से आने वाली सड़क को खाली करा लिया गया है। पुलिस प्रशासन और भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप की बातचीत के बाद किसानों ने धरना खत्म किया है।
किसानों के द्वारा पुलिस प्रशासन से मांग गई थी कि जिन किसानों पर भी गुंडा एक्ट लगा है या अन्य मामले दर्ज हैं वो वापस लिए जाएं। पुलिस प्रशासन के द्वारा किसानों की मांग मान ली गई और दिल्ली से आने वाली सड़क को खोल दिया गया।
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इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से बयान जारी किया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि हमारे सभी प्रयासों के बावजूद, कुछ व्यक्तियों ने मार्ग का उल्लंघन किया और निंदनीय कृत्यों में लिप्त रहे। असामाजिक तत्वों ने घुसपैठ की, लेकिन आंदोलन शांतिपूर्ण रहा। हमने हमेशा कहा कि शांति हमारी ताकत है और हिंसा ऐसे आंदोलन को नुकसान पहुंचाती है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि आज के परेड में हिस्सा लेने के लिए हम सभी किसानों का धन्यवाद करते हैं। हम उन घटनाओं की भी निंदा करते हैं जो आज हुई हैं और ऐसे कार्यों में लिप्त होने वाले लोगों से खुद को अलग कर लेते हैं।