जुबिली न्यूज़ डेस्क
नयी दिल्ली। राष्ट्रपति राम नाथ काेविंद ने कृषि क्षेत्र में हुई प्रगति के लिए किसानों, देश की सीमाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने में सफल रहे जवानों और कोविड से निपटने तथा विकास के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान के लिए वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा है कि सरकार किसानों समेत समस्त वर्गों के कल्याण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
कोविंद ने सोमवार को 72 वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि आत्म विश्वास के साथ भारत ने कई क्षेत्रों में बड़े कदम उठाए हैं। पूरी गति से आगे बढ़ रहे हमारे आर्थिक सुधारों के पूरक के रूप में, नए क़ानून बनाकर, कृषि और श्रम के क्षेत्रों में ऐसे सुधार किए गए हैं, जो लम्बे समय से अपेक्षित थे।
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राष्ट्रपति ने कहा आरम्भ में इन सुधारों के विषय में आशंकाएं उत्पन्न हो सकती हैं लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि किसानों के हित के लिए सरकार पूरी तरह समर्पित है। उन्होंने कहा इतनी विशाल आबादी वाले देश को खाद्यान्न एवं डेयरी उत्पादों में आत्म-निर्भर बनाने वाले किसान भाई-बहनों का सभी देशवासी हृदय से अभिनंदन करते हैं।
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विपरीत प्राकृतिक परिस्थितियों, अनेक चुनौतियों और कोविड की आपदा के बावजूद हमारे किसान भाई- बहनों ने कृषि उत्पादन में कोई कमी नहीं आने दी।यह कृतज्ञ देश हमारे अन्नदाता किसानों के कल्याण के लिए पूर्णतया प्रतिबद्ध है।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि जिस प्रकार परिश्रमी किसान देश की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने में सफल रहे हैं, उसी तरह हमारी सेनाओं के बहादुर जवान, कठोरतम परिस्थितियों में, देश की सीमाओं की सुरक्षा करते रहे हैं।
लद्दाख , सियाचिन और गलवान घाटी में, माइनस 50 से 60 डिग्री सेन्टीग्रेड तापमान में, सब कुछ जमा देने वाली सर्दी से लेकर, जैसलमर में, 50 डिग्री सेन्टीग्रेड से ऊपर के तापमान में, झुलसा देने वाली गर्मी में- धरती, आकाश और तटीय क्षेत्रों में सैनिक देश की सुरक्षा का दायित्व निभाते हैं। उन्होंने कहा हमारे सैनिकों की बहादुरी, देशप्रेम और बलिदान पर हम सभी देशवासियों को गर्व है।
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने विकास के विभिन्न क्षेत्रों में अपने योगदान से राष्ट्रीय प्रयासों को शक्ति दी है। अंतरिक्ष से लेकर खेत खलिहानों तक शिक्षण संस्थानों से लेकर अस्पताल तक वैज्ञानिकों ने हमारे जीवन और कामकाज को बेहतर बनाया है।
उन्होंने कहा कि दिन रात परिश्रम वैज्ञानिकों ने कोविड को डीकोड करके बहुत कम समय में ही वैक्सीन को वैक्सीन को विकसित करके पूरी मानवता के कल्याण हेतु एक नया इतिहास रचा है।
देश में इस महामारी पर काबू पाने में तथा विकसित देशों की तुलना में मृत्युदर को सीमित रख पाने में भी डॉक्टरों, प्रशासन तथा अन्य लोगों के साथ मिलकर अमूल्य योगदान दिया है। हमारे देश के किसान, जवान और वैज्ञानिक बधाई के पात्र हैं।
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