जुबिली स्पेशल डेस्क
नेपाल में लगातार राजनीति संकट देखने को मिल रहा है। इतना ही नहीं कार्यवाहक प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की मुश्किले लगातार बढ़ रही है। अब खबर है कि कम्युनिस्ट पार्टी दो गुटों में बटने की खबरे भी जोर पकड़ती नजर आ रही है।
जानकारी मिल रही है कि विरोधी गुट ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को पार्टी से बाहर करने की बड़ी घोषणा कर डाली है।
पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड की अगुआई वाले गुट की संट्रेल कमिटी की रविवार को एक बैठक हुई है।
इस बैठक में ओली को पार्टी से बाहर करने की बात कही गई है। इसको लेकर विरोधी गुट के प्रवक्ता नारायण काजी श्रेष्ठ ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा, कि उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई है।
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बता दें कि इससे पहले ओली को कम्युनिस्ट पार्टी में सह अध्यक्ष पद से बेदखल कर दिया गया था। पीएम ओली के खिलाफ विरोधी गुट लगातार प्रदर्शन कर रहा है।
दरअसल ओली ने पिछले साल दिसम्बर में संसद को भंग करने और फिर चुनाव होने की वजह से विरोधी गुट उनसे नाराज हो गया था और उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
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इससे पहले नेपाल की सियासत में चीन के दखल के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया व संवैधानिक राजशाही और हिंदू राष्ट्र की बहाली की मांग की। इस दौरान प्रदर्शन में शामिल नेताओं ने प्रधानमंत्री ओली के संसद भंग करने की जमकर आलोचना की गई।
आरपीपी के अध्यक्ष कमल थापा तथा पशुपति शमशेर राणा ने नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र घोषित करने तथा संवैधानिक राजशाही बहाल करने की मांग की थी। नेताओं ने कहा था कि देश में लोकतंत्र की रक्षा करने तथा राजनीतिक स्थिरता के लिए हिंदू राष्ट्र और संवैधानिक राजशाही की बहाली के अलावा कोई विकल्प नहीं है।