जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। कारोबारियों को आशा है कि सरकार बजट में होटल इंडस्ट्री को उबारने के लिए बड़े राहत पैकेज का ऐलान करेगी। देश में होटल- गेस्ट हाउस, ट्रैवल्स इंडस्ट्री बड़ी सेक्टर में जॉब क्रिएट करती है। काम चलेगा, तो सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति होगी।
बैकों से आसान किश्तों में लोन की दरकार है। सरकार सपोर्ट करेगी, तो बिजनेस जरूर बूम करेगा। लेकिन सरकार ने अबतक कोई सार्थक कदम इस इंडस्ट्री के लिए नहीं उठाया है। आज हालात ये है कि होटल इंडस्ट्री को दो जून की रोटी के लिए तरसना पड़ रहा है।
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दिल्ली के होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष लवलीन आनंद का मानना है कि उम्मीद पर दुनिया कायम है। होटल इंडस्ट्री को भी इस पर अमल करते हुए पॉजिटिव रहना होगा।
खुद को, स्टाफ को और आने वाले गेस्ट को सेफ रखना प्राथमिकता होनी चाहिए। अभी तो केवल दिल्ली समेत तमाम जगहों के 5-10% भी होटल- गेस्ट हाउस नहीं भरे हैं। सैलरी, बिजली, टेलिफोन, इंटरनेट, पानी जैसे खर्चे भी उठाने हैं। फिर भी घबराना नहीं है।
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आनंद की माने तो जल्द लोग घरों से बाहर निकलेंगे। ऐसा होने लगा तो होटल भी फुल होंगे। अभी तो कोरोना को देखते हुए रेलवे और एयरलाइन्स सर्विस भी सीमित हैं। बहुत जरूरी होने पर ही लोग यात्रा कर रहे हैं।
अब कोरोना की वैक्सीन आ गई है। लोग स्वस्थ्य रहेंगे, तो होटल- टूरिज्म सेक्टर अपने आप बढ़ेगा। कोरोना की वजह से घूमने- फिरने के शौकीन भी घरों में कैद होकर ऊब गए हैं। ऐसे में आशा है कि हालात सामान्य होने के बाद अचानक होटल- टूरिज्म सेक्टर में बूम आएगा।
लॉजिंग हाउस ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष दलजीत चड्ढा की माने तो उनका कहना है कारोबारी तो हमेशा से आशाओं में ही काम करता है। अब वैक्सीन आ गई है। उम्मीद है कि 2021 में होटल और ट्रैवलिंग इंडस्ट्री भी आगे बढ़ेगी। अब सरकार को भी हमारी सपोर्ट करने की जरूरत है।
मौजूदा दौर में होटल, ट्रैवलिंग और टूरिज्म इंडस्ट्री पूरी तरह डेड है। जहां 20 कर्मचारियों का स्टाफ था, वहां 3-7 लोग काम कर रहे हैं। न चाहते हुए भी लोगों को काम से हटाना पड़ा। रोजगार ठप है, सरकार राहत पैकेज के जरिए हमारी इंडस्ट्री को उबार सकती है।
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दलजीत का कहना है कि अभी उनके खर्चे ज्यादा हैं, लेकिन इनकम नहीं हैं। होटल को सर्वाइव करना मुश्किल हो गया है। तब भी, उन्हें विश्वास है कि लोगों के बीच से कोरोना का खौफ खत्म होगा, तो हालात सामान्य होंगे। अभी एयरलाइन और ट्रेनें पूरी क्षमता से नहीं चल रही हैं। ट्रांसपोर्ट सिस्टम भी सीमित है। परिवहन सेवाएं रेग्यूलर होते ही आवाजाही बढ़ेगी।
दलजीत के मुताबिक वह कई वर्षों से होटल- गेस्ट हाउस के व्यापार में हैं। आमतौर पर किसी साल में यदि कितना भी डाउन बिजनेस होता था, वह 50- 60% से नीचे नहीं जाता था। अब 10% काम भी मुश्किल से निकल रहा है।
वैक्सीनेशन के बाद दिल्ली में राजनीतिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, फेस्टिवल, शो, प्रदर्शनी, एक्सपो और बड़े इवेंट होंगे तो लोग आएंगे, तब जरूर फिर से होटल, गेस्ट हाउस और ट्रैवलिंग का कारोबार उठेगा। अभी तो जिसे बहुत अर्जेंट है, वही दिल्ली आ रहा है।
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