जुबिली न्यूज डेस्क
तीन नए कृषि कानूनों पर किसानों और केंद्र सरकार के बीच एक महीने से अधिक समय से गतिरोध फिलहाल जारी है। शुक्रवार को इसे दूर करने के लिए प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच नौंवे दौर की वार्ता शुक्रवार हुई।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य एवं खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री तथा पंजाब से सांसद सोम प्रकाश करीब 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ विज्ञान भवन में वार्ता हुई।
Shri @RahulGandhi & Smt. @priyankagandhi join Delhi Congress workers on their march to LG's house as part of the Kisan Adhikar Divas. #SpeakUpForKisanAdhikar pic.twitter.com/d5kGxol5i0
— Congress (@INCIndia) January 15, 2021
इस बीच शुक्रवार को कांग्रेस ने देश के कई हिस्सों में किसान अधिकारी रैली निकाली। नई दिल्ली में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बहन प्रियंका भी शामिल हुईं। दोनों ने ट्रक पर सवार होकर राज भवन मार्च में हिस्सा लिया। रैली के दौरान राहुल और प्रियंका उन सांसदों (पंजाब के) से भी मिले जो जंतर-मंतर पर बैठकर तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे थे।
राहुल ने दिल्ली राज भवन के बाहर प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए कहा कि कृषि कानून किसानों की मदद करने के लिए नहीं, बल्कि उनको खत्म करने के लिए हैं। भाजपा सरकार को कृषि कानून वापस लेने ही होंगे। कानूनों को रद्द किए जाने तक कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी।
ये तीन कानून किसान को खत्म करने के कानून हैं। इस देश को आज़ादी अंबानी-अदानी ने नहीं, किसान ने दी है। आज़ादी को बरकरार हिन्दुस्तान के किसान ने रखा है, जिस दिन देश की खाद्य सुरक्षा चली जाएगी उस दिन देश की आज़ादी चली जाएगी: राहुल गांधी, कांग्रेस #FarmLaws pic.twitter.com/2y9gmrDAm9
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 15, 2021
राहुल ने कहा कि देश की आजादी अंबानी-अडाणी ने नहीं, किसान ने अपने खून से दी है। जिस दिन खाद्य सुरक्षा चली जाएगी, उस दिन देश की आजादी चली जाएगी। हिंदुस्तान की सरकार को ये बात नहीं समझ आ रही है, पर किसान अब यह बात समझ गए हैं।
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राहुल के अनुसार, ये तीनों कानून किसानों के खात्मे के लिए लाए गए हैं। अगर हमने इन्हें न रोका, तब ये अन्य क्षेत्रों में भी होगा। नरेंद्र मोदी किसानों का सम्मान नहीं करते। अन्नदाता न तो किसी को काम करने से रोकेंगे और न ही डरेंगे।
आज पूरे देश मे काले कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर कांग्रेस पार्टी द्वारा राजभवनों का घेराव किया गया।
दिल्ली के सड़को पर किसान भाइयों की अधिकारों की आवाज़ को श्री @RahulGandhi जी और श्रीमती @priyankagandhi जी का साथ मिला। pic.twitter.com/L8lxLa3ioV— Nadeem Javed (@nadeeminc) January 15, 2021
इससे थोड़ी देर पहले, यूपी की राजधानी लखनऊ में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध करने जा रहे थे, पर उन्हें इससे पहले ही हिरासत में ले लिया गया।
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लल्लू के साथ पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि पार्टी के ‘किसान अधिकार कार्यक्रम’ के तहत प्रदेश अध्यक्ष लल्लू शुक्रवार दोपहर बाद पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ राजभवन का घेराव करने जा रहे थे तभी डॉलीबाग के पास से पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। राजभवन की ओर जुलूस के रूप में जा रहे पार्टी कार्यकर्ता ‘जय जवान जय किसान’ का नारा लगा रहे थे।
भाजपा सरकार हमें आंदोलन से, राजभवन मार्च से रोक रही है। बीते रात से ही मेरे घर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
भाजपा सरकार समझ ले यह किसानों का देश है, पूंजीपतियों की जागीर नहीं।
खेती – किसानी पर डकैती नहीं सहेंगे। सरकार को काले कृषि कानून वापस लेने होंगे। pic.twitter.com/NxNAfi0udg
— Ajay Kumar Lallu (@AjayLalluINC) January 15, 2021
लल्लू ने ट्वीट किया, “कदम-कदम पर लड़े हैं तुमसे। कदम-कदम पर लड़ेंगे तुमसे। इस दमन से हम डरने वाले नहीं हैं। किसानों के हक़-अधिकार की लड़ाई अंतिम सांस तक लड़ेंगे। खेती-किसानी को हम लूटने नहीं देंगे, मोदी सरकार को काले कृषि कानून वापस लेने होंगे। जय किसान, जय कांग्रेस।”
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को पुलिस द्वारा हिरासत में लिया जाना निंदनीय व शर्मनाक कृत्य है। आदित्यनाथ सरकार अगर सोचती है कि वो हिरासत में लेकर किसानों की आवाज का दमन कर लेगी तो ये उसकी गलत सोच है।
अन्नदाता की आवाज तानाशाह शासक कभी रोक नहीं पाये हैं।#SpeakUpForKisanAdhikar pic.twitter.com/FK42xwmLAp
— Congress (@INCIndia) January 15, 2021
भाजपा सरकार हमें आंदोलन से, राजभवन मार्च से रोक रही है। बीते रात से ही मेरे घर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
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उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को पुलिस द्वारा हिरासत में लिया जाना निंदनीय व शर्मनाक कृत्य है। आदित्यनाथ सरकार अगर सोचती है कि वो हिरासत में लेकर किसानों की आवाज का दमन कर लेगी तो ये उसकी गलत सोच है।
इसी बीच, बेंगलुरू में भी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने किसानों के समर्थन में प्रदर्शन किया। बता दें कि कांग्रेस का आज हर राज्य में राजभवन घेराव का कार्यक्रम है, जिसमें वह केंद्र के लाए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज बुलंद करेगी।