जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहे एक फर्जी शिक्षक को बर्खास्त कर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिये है। उसके इस फर्जीवाड़े की पोल और किसी ने नहीं बल्कि उसकी पत्नी ने ही खोली। बताया जा रहा है पति- पत्नी में आपसी विवाद चल रहा है।
बीएसए अरविंद पाठक के मुताबिक शिकोहाबाद के धनगर स्वामी नगर रेलवे स्टेशन रोड़ निवासी देवेश सिंह की जाति वास्तविक रूप में गडरिया है जो कि अन्य पिछड़ा वर्ग में आती है जबकि देवेश ने गलत सूचना देकर धनगर जाति का प्रमाण पत्र बनवा लिया।
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सत्यापन में प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने के बाद आरोपी शिक्षक को जिला कमेटी ने सुनवाई के लिए बुलाया था लेकिन आरोपी शिक्षक कमेटी के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुआ।
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कमेटी ने आरोपी का फर्जी प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया और उसे बर्खास्त कर दिया। उन्होंने बताया कि देवेश सिंह 2008 में प्राथमिक विद्यालय रजौरा में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त हुआ था।
आरोपी शिक्षक ने एक जुलाई 2011 को विद्यालय में ज्वाइन किया। हालांकि देवेश वर्तमान में टूंडला ब्लाक के प्राइमरी स्कूल ठारखूबी में तैनात था। देवेश की पत्नी मनीषा पाल ने अपने पति के जाति प्रमाण पत्र के फर्जी होने की शिकायत की थी।
आरोप था कि देवेश ओबीसी वर्ग में है। जबकि एससी वर्ग का प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी पा ली है। कमेटी के निर्णय के अनुसार फर्जी शिक्षक देवेश को बर्खास्त कर दिया है। एबीएसए को निर्देश दिए हैं कि संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं। साथ ही फर्जी शिक्षक से वेतन की वसूली भी की जाएगी।
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