जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. अमेरिका की एक ख़ुफ़िया रिपोर्ट लीक होने के बाद चीन बौखला गया है. चीन ने बेहद गुस्से में यह बयान जारी किया है कि इस रिपोर्ट ने अमेरिका की पोल खोल दी है. चीन ने आरोप लगाया है कि अमेरिका भारत के सहारे दक्षिण एशिया में अशांति फैलाना चाहता है.
दरअसल अमेरिका की इस ख़ुफ़िया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन से मुकाबला करने के लिए अमेरिका ने भारत को सैन्य, ख़ुफ़िया और राजनयिक समर्थन देने का फैसला किया है. अमेरिका ने अब इंडो-पैसिफिक रणनीति को आगे बढ़ाने का फैसला किया है.
भारत के साथ तनाव के बीच चीन जब अमरीकी गठबंधन को कमज़ोर कर सबसे ताकतवर बनने की फ़िराक में था इसी बीच ट्रम्प प्रशासन की वह गोपनीय फ़ाइल लीक हो गई जिसमें अमेरिका ने यह प्लान फाइनल कर लिया है कि चीन को कमज़ोर करने के लिए अमेरिका भारत का न सिर्फ समर्थन करेगा बल्कि उसे सैन्य, ख़ुफ़िया और राजनयिक समर्थन भी देगा. अमेरिका ने तय किया है कि भारत की मदद वह फ्रंट से करेगा.
साल 2018 में ही अमेरिका ने यह तय कर लिया था कि भारत का समर्थन कर वह चीन को धूल चटाएगा. इस रिपोर्ट में भारत के अलावा उत्तर कोरिया और एशिया के अन्य देशों के साथ अपनाई जाने वाली रणनीति का भी ज़िक्र है. अमेरिका ने तय किया है कि वह उदार अर्थव्यवस्था वाले देशों के साथ गठजोड़ कर चीन को कमज़ोर बनाएगा.
इस रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि अमेरिका दक्षिण पूर्वी एशिया में चीन के विस्तार को रोकेगा. साथ ही चीन के मुकाबले भारत को मज़बूत बनाकर एशिया में संतुलन बनाएगा.
इस रिपोर्ट में साफ़ तौर पर कहा गया है कि चीन इलाके की शान्ति को भंग करना चाहता है. वह अधिनायकवाद की रणनीति पर आगे बढ़ रहा है. चीन को कमज़ोर करने का काम एशिया में सिर्फ भारत कर सकता है. इसलिए अमेरिका भारत को पूरा समर्थन देगा.
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इस रिपोर्ट के खुलासे के बाद चीन ने पलटवार करते हुए कहा है कि अमेरिका अपने प्रभुत्व को कायम करने के लिए ऐसी हरकतों पर आमादा है. चीन के अभिन्न अंग ताइवान में हस्तक्षेप कर अमेरिका प्रतिबद्धता का उल्लंघन कर चुका है. चीन ने कहा है कि ताइवान मामले में वह किसी भी तरह के हस्तक्षेप से लड़ने को तैयार है.