जुबिली न्यूज़ डेस्क
कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक माधवसिंह सोलंकी का शनिवार को निधन हो गया। वे 94 साल के थे। वे गुजरात के चार बार मुख्यमंत्री और देश के विदेशमंत्री भी रहे। वे पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता भरत सिंह सोलंकी के पिता हैं।
पेशे से वकील सोलंकी 1977 में पहली बार कुछ समय के लिए ही राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद वो 1980 में सत्ता में आए। गौरतलब है कि नरसिम्हा राव सरकार में सोलंकी देश के विदेश मंत्री भी बने।
खास बात ये है कि सोलंकी जिस तरह से सत्ता में आये थे वो एक अलग ही कहानी है। उन्होंने सत्ता में आने के लिए खाम (KHAM)फ़ॉर्मूला अपनाया था। इसका मतलब था क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी, मुस्लिम की वजह से ही सत्ता में आये।
उन्होंने 1980 के चुनाव से पहले KHAM गठबंधन की नींव रखी थी। और इस गठबंधन का प्रभाव इतना हुआ कि उस चुनाव में पटेल, ब्राह्मण और बनिया के हाथों की ताकत ओबीसी, दलित और आदिवासियों के हिस्से में आ गई थी।
A leader known for inclusive development, four-time CM of Gujarat & former Cabinet Minister, Shri Madhavsinh Solanki’s compassion towards citizens & passion for their prosperity will inspire generations to come.
We pay heartfelt condolences to his family at this time of grief. pic.twitter.com/Sm31UNSFer
— Congress (@INCIndia) January 9, 2021
गौरतलब है कि इस गठबंधन की ताकत को ही देखते हुए पटेल समुदाय ने बीजेपी को बढ़ाने का फैसला किया था। उनके इस गठबंधन को जाति आधारित गठबंधनों का युग माना जाता है।
ऐसा भी कहा जाता है कि यहीं से जाति के आधार पर राजनीतिक दलों के एक साथ आने की शुरुआत हुई थी।साल 1981 में पटेल नेतृत्व वाली उच्च जातियों ने सरकार और ओबीसी आरक्षण के खिलाफ दो महीनों तक आंदोलन किया था।
&
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व विदेश मंत्री, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री श्री माधवसिंह सोलंकी जी का निधन दुख:द है।
परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।
मेरी भावपूर्ण श्रद्धांजलि। pic.twitter.com/mKrKdV1GDg
— Ajay Kumar Lallu (@AjayLalluINC) January 9, 2021
;
हालांकि, इस आंदोलन में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सोलंकी का समर्थन किया था। उन्होंने कहा ‘जब हरिजनों पर गुजरात में हमला हुआ, तो इस बारे में गांधी ने मुझसे पूछा था।
उन्होंने इस मामले पर मेरी बात सुनी और कहा कि यह आंदोलन सही नहीं है। आप इनके आगे मत झुकना।’ इसके साथ ही उन्होंने दावा किया था कि उस समय गांधी ने उनकी काफी मदद की थी और पड़ोसी राज्यों से विशेष पुलिस बल भेजे थे।