जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना वैक्सीन पर बिहार में सियासत तेज हो गई है। राजद और कांग्रेस नेताओं ने मांग की है कि प्रधानमंत्री मोदी पहले कोरोना का टीका लगवाए उसके बाद वो लोग लगवा लेंगे। वहीं इन नेताओं के बयान के खिलाफ भाजपा और जदयू ने भी मोचा खोल दिया है।
सबसे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने टीका पर सवाल उठाया और अब राजद प्रमुख लालू यादव के बड़े बेटे और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने कोरोना टीका को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है।
दरअसल कोरोना वैक्सीन अब महामारी रोकने से ज्यादा सियासत चमकाने का फॉर्मूला बनती दिख रही है। तेजप्रताप यादव ने कहा है कि ‘कोरोना की जो वैक्सीन आई है उसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगवाएं। उसके बाद हम भी इसे लगवा लेंगे।’
तेज प्रताप ही नहीं बिहार के अन्य नेताओं का भी यही कहना है। कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा है कि जिस तरह रूस और अमेरिका के राष्ट्राध्यक्षों ने पहले टीका लिया उसी तरह से भारत में पीएम मोदी भी पहले टीका लें।
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कांग्रेस विधायक के इस बयान के बाद से बिहार की राजनीति गरम हो गई है। कांग्रेस और राजद के बयानों पर जेडीयू और भाजपा ने भी तीखा पलटवार किया है।
भाजपा ने भी कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। करारा हमला करते हुए बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि कांग्रेस को भारत में बनी वैक्सीन पर नहीं बल्कि पाकिस्तान पर भरोसा है।
वहीं जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि कांग्रेस को अगर स्वदेशी पर ऐतराज है तो राहुल गांधी अपने विदेश दौरे पर हैं। ऐसे में वो विदेश से ही वैक्सीन लगवा कर भारत आएं।
कांग्रेस के समर्थन में आरजेडी
इसी बीच आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कांग्रेस विधायक के बयान का समर्थन किया। इस बीच उन्होंने एक कदम आगे बढ़कर बयान दे दिया। आरजेडी के अनुसार पीएम मोदी के साथ गृहमंत्री अमित शाह भी पहले टीका लें।
अखिलेश ने भी दिया था अजब बयान
दो जनवरी को समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कोरोना वैक्सीन को लेकर कहा था कि वह फिलहाल कोरोना की वैक्सीन नहीं लगवाएंगे, क्योंकि उन्हे बीजेपी की वैक्सीन पर भरोसा नहीं है। अखिलेश अपने इस बयान पर जमकर ट्रोल हुए थे। बाद में उन्हें अपने बयान पर सफाई देनी पड़ी थी।
3 जनवरी की सुबह एक बार फिर अखिलेश ने ट्वीट किया। उनका यह ट्वीट डैमेज कंट्रोल करने का प्रयास था। उन्होंने लिखा, ‘कोरोना का टीकाकरण एक संवेदनशील प्रक्रिया है इसीलिए भाजपा सरकार इसे कोई सजावटी-दिखावटी इवेंट न समझे और अग्रिम पुख़्ता इंतज़ामों के बाद ही शुरू करे। यह लोगों के जीवन का विषय है अत: इसमें बाद में सुधार का खतरा नहीं उठाया जा सकता है।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘गरीबों के टीकाकरण की निश्चित तारीख घोषित हो।’
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