जुबिली न्यूज डेस्क
भारत की अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर चुनौतियां कम होती नहीं दिख रही हैं। तालाबंदी की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा था, जिससे अभी तक उबरने की कोशिश में सरकार लगी हुई है।
विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2020-21 में 9.6 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है। यह परिवार के स्तर पर ख़र्च और निजी निवेश में आई कमी को दिखाता है।
इतना ही नहीं विश्व बैंक ने अगले वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 5.4 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान लगाया है।
विश्व बैंक ने अपनी वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना महामारी के कारण असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की आय बुरी तरह प्रभावित हुई है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, “भारत में अर्थव्यवस्था पर महामारी का प्रभाव ऐसे समय पर पड़ा जब उसमें पहले ही गिरावट आ रही थी। फाइनेंसिल इयर 2020-21 में उत्पादन में 9.6 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है जो परिवार के ख़र्च और निजी निवेश में आई कमी को दिखाता है।”
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विश्व बैंक ने पाकिस्तान को लेकर भी अनुमान जारी किये हैं। बैंक के अनुसार पाकिस्तान में सुधार धीमा रहेगा और 2020-21 में वृद्धि दर 0.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। राजस्व की मजबूती को लेकर लगातार पड़ रहे दबाव और सेवा क्षेत्र में कमजोरियों को देखते हुए वृद्धि पर असर पडऩे की आशंका है।
दक्षिण एशिया के अन्य देशों में कोविड-19 का आर्थिक असर अपेक्षाकृत कुछ कम रहा है लेकिन उसके बावजूद भी वो बहुत प्रभावित हुए हैं। जिन देशों में अर्थव्यवस्था पर्यटन पर आधारित है वहां कोरोना वायरस महामारी का प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
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