जुबिली न्यूज डेस्क
भारत के उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी का कोरोना काल में काफी ग्रोथ हुआ और इसके चलते वह एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति भी बने। फिलहाल साल जाते-जाते उनका यह ताज छिन गया है और इसे छीना है चीन के वाटर किंग कहे जाने वाले कारोबारी झोंग शानशान ने।
जी हां, एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति का तमगा अब झोंग शानशान के पास है। शानशान उनकी नेटवर्थ इस साल 70.9 अरब डॉलर बढ़कर 77.8 अरब डॉलर हो गई है।
ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक इस साल झोंग की दौलत बढ़कर 77.8 बिलियन हो गई है। उनकी दौलत इस साल बहुत तेजी से बढ़ी जिसके कारण वह एशिया के सबसे अमीर कारोबारी बन गए। उनके बारे में चीन के बाहर कम ही लोग जानते थे।
शानशान अब न केवल एशिया के सबसे अमीर आदमी हैं, बल्कि उन्होंने अकूत संपत्ति अर्जित करने के मामले में चीन के सबसे रईस शख्स अलीबाबा के जैक मा को भी पीछे छोड़ दिया है।
शानशान बोतल बंद पानी और कोरोना का टीका बनाने जैसे बिजनेस से जुड़े हैं। वह एक निजी अरबपति हैं, जिनके बारे में मीडिया में कम ही चर्चा हुई है।
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पत्रकारिता, मशरूम की खेती और स्वास्थ्य सेवा जैसे करियर में हाथ आजमाने के बाद अब वह एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं। उन्होंने चीनी प्रौद्योगिकीविदों के एक समूह को गले लगाया है, जिसमें मुकेश अंबानी और जैक मा शामिल हैं।
66 वर्षीय झोंग राजनीति में शामिल नहीं हैं और उन्हें चीन में लोन वुल्फ के तौर पर भी जाना जाता है। झोंग को सफलता दो कारणों से मिली।
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अप्रैल में उन्होंने बीजिंग वेन्टाई बायोलॉजिकल फार्मेसी एंटरप्राइज कंपनी से वैक्सीन विकसित की और कुछ महीनों बाद बोतलबंद पानी बनाने वाली नोंगफू स्प्रिंग कंपनी हांगकांग में सबसे लोकप्रिय में से एक बन गई।
नोंगफू के शेयरों ने अपनी स्थापना के बाद से 155 फीसदी की छलांग लगाई है और वेन्टाई ने 2,000 प्रतिशत से अधिक की छलांग लगाई है।