हेमेन्द्र त्रिपाठी
बाबू मोशाय जिन्दगी बड़ी होनी चाहिए लंबी नहीं
फिल्म ‘आनंद’ का ये डायलॉग आज भी लोगों की जुबान पर रहता है। इसी तरह के कई सुपरहिट डायलॉग को अपने अंदाज में कहने वाले बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना की आज बर्थ एनिवर्सरी है। बॉलीवुड इंडस्ट्री में उन्हें लोग ‘काका’ कहकर बुलाते थे।
आज भी बॉलीवुड इंडस्ट्री में उनके जैसा स्टारडम किसी के पास नहीं है। बिना किसी गॉडफादर के बॉलीवुड में ऐसा स्टारडम और उनका सुपरस्टार बनना इतना आसान नहीं था।
बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार बनने के पीछे उनकी अपनी मेहनत और उनका निराला अंदाज था। पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना का जन्म 29 दिसम्बर 1942 अमृतसर में हुआ था। जन्म के बाद ही उन्हें लीलावती और चुन्नीलाल खन्ना ने गोद ले लिया था और उनका लालन पोषण किया। उनके बचपन का नाम जतिन था फिल्मों में आने से पहले उनके चाचा ने उनका नाम जतिन से बदलकर राजेश रखा था।
अपनी स्कूलिंग के दौरान ही उनकी दिलचस्पी नाटकों में अभिनय करने की भी थी। अत: वे स्वाभाविक रूप से थियेटर की ओर उन्मुख हो गये। स्कूल में रहते हुए उन्होंने कुछ नाटक भी किये। यही नहीं कॉलेज के दिनों में उन्होंने नाटक प्रतियोगिता में कई पुरस्कार भी जीते।
हालांकि उस समय भी राजेश खन्ना का जलवा किसी से कम नहीं था। उस समय भी राजेश फिल्मों और नाटकों में काम खोजने अपनी स्पोर्ट्स कार से जाया करते थे।
हुई जीतेंद्र से दोस्ती
स्कूल में पढ़ाई के दौरान उनकी दोस्ती रवि कपूर से हुई। यही रवि कपूर आगे चलकर बॉलीवुड जगत में जीतेंद्र के नाम से मशहूर हुए। बताया जाता है कि दोनों की दोस्ती काफी गहरी थी जो स्कूल से शुरू होने के बाद बॉलीवुड तक चली। दोनों ने साथ साथ तत्कालीन बम्बई के के०सी० कॉलेज में भी एक साथ पढ़ाई पूरी की।
यही नहीं जितेन्द्र को उनकी पहली फ़िल्म में ऑडीशन देने के लिये कैमरे के सामने बोलना राजेश ने ही सिखाया था। जितेन्द्र और उनकी पत्नी राजेश खन्ना को काका’ कहकर बुलाते थे।
उन्होंने 1966 में आई ‘आखिरी ख़त’ से बॉलीवुड फिल्म में एंट्री की। उस समय राजेश खन्ना महज 23 साल के थे। हालांकि उनकी शुरूआती फिल्में ने बॉलीवुड में कुछ खास मुकाम हांसिल नहीं किया लेकिन एक ऐसा दौर भी आया जिसने उन्हें देश का पहला सुपर स्टार बना दिया। 1969 में राजेश खन्ना फिल्म आराधना में नजर आए। उनकी इस फिल्म ने उनकी जंदगी बदल दी।
एक साथ 15 सोलो फिल्में सुपरहिट
1969 में आराधना से उन्हें असली कामयाबी मिली जो उनकी पहली प्लेटिनम जयंती सुपरहिट फ़िल्म थी। आराधना के बाद हिन्दी फ़िल्मों के पहले सुपरस्टार का खिताब अपने नाम किया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार 15 सोलो सुपरहिट फ़िल्में दी।
इसमें आराधना, इत्त्फ़ाक़, दो रास्ते, बंधन, डोली, सफ़र, खामोशी, कटी पतंग, आन मिलो सजना, ट्रैन, आनन्द, सच्चा झूठा, दुश्मन, महबूब की मेंहदी, हाथी मेरे साथी जैसी फिल्में शामिल थी। बहुकलाकार फ़िल्में 1969-72 का अंदाज़, मर्यादा सुपरहिट रहा।
इसके बाद भी उनकी कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई। उनका ये दौर 1990 तक जारी रहा। हालांकि इस दौरान उनके करियर में उतार चढ़ाव का दौर जारी रहा।
बॉलीवुड में उनके स्टारडम के दौरान उनके फैन्स में गजब की दीवानगी थी। बताया जाता है कि उनके करियर का जब पीक समय था तो लड़कियां उनको अपने खून से लिख कर लेटर भेजा करती थी। उनके फैन्स इतने दीवाने थे कि जब भी वो कही जाते थे तो घंटो उनके निकलने का इंतजार करती थी साथ ही उनकी कार को पूरी लिपस्टिक से रंग देती थी। यही नहीं उनकी चार के आगे लेट भी जाती थी।
माना जाता है कि देश का पहला सुपरस्टार बनने के पीछे राजेश खन्ना की बेहतरीन अदाकारी के साथ ही उनकी फिल्मों के गाने भी थे। जोकि एक से बढ़कर एक सुपरहिट हुए। और उन गानों को आवाज दी मशहूर किशोर कुमार ने। 70 के दशक में किशोर कुमार उनकी फिल्मों के लिए ऐसे गाने गाये जिनको आज भी सुनकर लोग झूम उठते हैं। इनमें से सबसे अधिक गाने फिल्माए गये राजेश खन्ना और मुमताज के ऊपर।
मुमताज के साथ की आठ सुपरहिट फिल्में
मुमताज ने राजेश खन्ना के साथ आठ सुपरहिट फिल्में की. दरअसल राजेश और मुमताज़ दोनों के बंगले मुम्बई में पास पास थे. इसी वजह से रुपहले पर्दे पर साथ साथ काम करने में दोनों की जोड़ी खूब चली। इसके बाद जब राजेश ने डिम्पल के साथ शादी कर ली तब कहीं जाकर मुमताज़ ने भी उस जमाने के अरबपति मयूर माधवानी के साथ विवाह करने का निश्चय किया।
1974 में मुमताज़ ने अपनी शादी के बाद भी राजेश के साथ आप की कसम, रोटी और प्रेम कहानी जैसी तीन फ़िल्में पूरी कीं और उसके बाद फ़िल्मों से हमेशा के लिये सन्यास ले लिया। कहा जाता है कि इसके बाद मुमताज़ ने बम्बई को भी अलविदा कह दिया और अपने पति के साथ विदेश में बस गयी। इससे राजेश खन्ना को जबर्दस्त आघात लगा।
डिंपल से शादी
बताया जाता है कि डिंपल से शादी से पहले राजेश खन्ना का 1966-72 के दशक में एक फैशन डिजाइनर व अभिनेत्री अंजू महेन्द्रू से प्रेम प्रसंग खूब चर्चा में रहा। बाद में उन्होंने डिम्पल कपाड़िया से मार्च 1973 में विवाह कर लिया। लेकिन शादी के विवाह के 8 महीने बाद ही डिंपल की फिल्म बॉबी रिलीज़ हुई जिसने दोनों के रिश्ते में खटाश पैदा कर दी। हालांकि कुछ दिनों तक अलग रहने के बाद दोनों फिर से एक हो गये
डिंपल और राजेश के रिश्तों के बीच खटाश होने के बाद 1984-1987 तक अभिनेत्री टीना मुनीम के साथ राजेश खन्ना का रोमांस खूब सुर्ख़ियों में रहा और तब तक चला जब तक वो विदश नहीं चली गई। इसके बाद 1990 में डिम्पल और राजेश में एक साथ फिर से रहने लगे। डिम्पल से उनको दो बेटियां ट्विंकल और रिंकी है।
यहां बता दें कि राजेश खन्ना और उनकी बेटी ट्विंकल का जन्मदिन एक ही दिन यानी 29 दिसम्बर को होता है। ऐसा शायद ही पहले सुनने को मिलता है जब किसी पिता और बेटी का जन्मदिन एक ही तारीख पर पड़ता हो। उनकी बड़ी बेटी ट्विंकल खन्ना एक फ़िल्म अभिनेत्री है।
उसका विवाह फ़िल्म अभिनेता अक्षय कुमार से हुआ। दूसरी बेटी रिंकी खन्ना भी हिन्दी फ़िल्मों की अदाकारा है उसका विवाह लन्दन के एक बैंकर समीर शरण से हुआ है।
कैंसर से थे पीड़ित
देश के पहले सुपर स्टार ने 18 जुलाई 2012 के दिन इस दुनिया को अलविदा कह दिया। वो दो साल से कैंसर से पीड़ित थे उनके उपचार लीलावती अस्पताल में चल रहा था। अपने सुपर स्टार के खो देने की खबर सुनकर उनके फैन्स बान्द्रा स्थित आशीर्वाद बंगले के बाहर जुटने लगे थे।
इतनी ज्यादा भीड़ हो जाने की वजह से उसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस व सुरक्षा गार्डों की सहायता ली गयी। बताया जाता है कि सात लाख लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए शामिल हुए थे।