जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। महामना मालवीय मिशन के तत्वावधान में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और स्वतंत्रता सेनानी एवं शिक्षाविद पंडित मदन मोहन मालवीय जयन्ती के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महामना मालवीय विद्या मन्दिर इंटर कॉलेज के परिसर में आयोजित कार्यक्रम में प्रात: तीन घंटे तक श्रीमद्भागवत का पाठ किया गया।
इस दौरान कई लोगों ने प्रतिभाग भी किया। महामना मालवीय मिशन की ओर से हुए समारोह में बतौर अध्यक्ष काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर गिरीश चंद्र त्रिपाठी , उच्च शिक्षा परिषद यूपी व मुख्य वक्ता प्रभु नारायण भी मौजूद थे।
समारोह की अध्यक्षता महामना मालवीय मिशन लखनऊ के अध्यक्ष, पूर्व निदेशक डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थाान तथा वर्तमान में केजीएमयू के प्रोफेसर डॉ. एके त्रिपाठी ने की।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि महामना मालवीय मिशन का उद्देश्य शिक्षा, सेवा तथा संस्कृति की रक्षा करना है। इस अवसर पर मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभु नारायण ने गीता के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह जीवन के हर क्षेत्र में रास्ता दिखाती है और किसी विषय कोई रास्ता न मिले तो गीता का स्मरण करें तो उसमें उसका हल मिल जाएगा।
मालवीय मिशन लखनऊ शाखा के महासचिव डॉ. पी. के सिंह और राष्ट्रीय सचिव आर. एन वर्मा ने इस अवसर पर कहा कि महामना के लक्ष्यों की प्रप्ति के लिए स्थापित मालवीय मिशन का परिचय और गतिविधियों की जानकारी दी।
दोनों ने बताया कि मालवीय मालवीय मिशन महामना के बताये रास्तों के अनुरूप सेवा, शिक्षा और संस्कार को विकसित करने के लिए संकल्पित है और तद्नुसार उन क्षेत्रों में कार्य कर रही है। मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद गिरिश चंद त्रिपाठी ने कहा कि गीता किसी एक धर्म का ग्रन्थ नहीं है। वो सभी धर्मों का मूल है।
महामना मालवीय पर विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे जिन्होंने समाज सेवा, शिक्षा, संस्कार, पत्रकारिता, वकालत तथा राजनीति सहित अनेक क्षेत्रों में अपनी छाप छोड़ी और आदर्श प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर डॉ. आरके वर्मा एमबीसीएस, एमएस, एफआईसीएम, एलएलबी का नागरिक अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए एवं वार्षिक पत्रिका जागृति का विमोचन भी हुआ।