जुबिली न्यूज डेस्क
पश्चिम बंगाल की सियासत में मचे घमासान के लिए बीजेपी सांसद सौमित्र खान की पत्नी सुजाता मंडल खान के तृणमूल में शामिल होने के बाद से चर्चाओं का बाजार गर्म है।
सुजाता के टीएमसी में जाने से उनके सांसद पति नाराज है। सौमित्र ने उन्हें तलाक का नोटिस भेजने की बात करते हुए भावुक होकर कहा कि राजनीतिक वजहों से उनकी शादी टूट गई।
वहीं सुजाता मंडल खान ने उम्मीद जताई है कि एक दिन खुद भाजपा सांसद सौमित्र तृणमूल कांग्रेस में आ जाएंगे।
सुजाता लंबे समय से राजनीति में हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने ही अपने पति के चुनाव प्रचार की कमान संभाल रखी थी।
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कोर्ट ने जब लोकसभा चुनाव के ठीक पहले सौमित्र को निर्वाचन क्षेत्र विष्णुपुर में प्रवेश करने पर रोक लगा दी थी तो सारा चुनाव प्रबंध सुजाता मंडल ने ही देखा था। अब उनका बीजेपी छोड़ टीएमसी में शामिल होना महत्व रखता है।
इतना ही नहीं सुजाता ने प्रधानमंत्री के साथ मंच भी साझा किया था। वह बंगाल बीजेपी की महत्वपूर्ण नेता के रूप में उभर रही थीं। लेकिन उनका कहना है कि बीजेपी में वह बुरी तरह उपेक्षित थीं, बीजेपी उन्हें स्वीकार नहीं कर पा रही थी, उनके काम को सराहा नहीं जा रहा था।
सुजाता मंडल खान ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि मैं सांस लेना चाहती हूं। मैं इज्जत चाहती हूं। मैं एक योग्य पार्टी की योग्य नेता बनना चाहती हूं। मैं दीदी के लिए काम करना चाहती हूं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि वे भाजपा में तब थीं जब दूसरे लोग नहीं थे, लेकिन अब भ्रष्ट और अयोग्य नेताओं को पार्टी में लाया जा रहा है और उन्हें तरजीह दी जा रही है। उनका इशारा टीएमसी के उन विद्रोहियों की ओर था, जिन्हें हाल फिलहाल बीजेपी में शामिल किया गया है, हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया।
उन्होंने भावुक हो कर कहा, ‘मुझ पर हमले तक किए गए, मैंने अपने पति को चुनाव जितवाने के लिए काफी त्याग किया, पर बदले में मुझे कुछ नहीं मिला।’
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भाजपा नहीं छोड़ेंगे सौमित्र
वहीं सांसद सौमित्र खान ने एक अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘राजनीति के कारण मेरा 10 साल का वैवाहिक संबंध टूट गया। मैं बीजेपी के लिए और कड़ी मेहनत करूंगा।’
सुजाता खान ने कहा कि वे राजनीति और निजी रिश्ते को अलग-अलग रखना चाहती हैं। यह उनके पति पर निर्भर है कि वे क्या करते हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि वे एक दिन इसे समझेंगे। क्या पता एक दिन वे तृणमलू कांग्रेस में ही लौट आएं।’
टीएमसी को क्या होगा फायदा
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के कुछ महीने पहले बीजेपी से किसी का तृणमूल कांग्रेस में आने का मनोवैज्ञानिक फायदा टीएमसी को मिलेगा। इसकी वजह यह है कि बीते दिनों लगभग 35 छोटे-बड़े नेता टीएमसी छोड़ कर बीजेपी में शामिल हुए हैं। इनमें विधायक भी हैं। शुभेन्दु अधिकारी राज्य सरकार में मंत्री थे, उन्होंने पद और पार्टी से इस्तीफ़ा दिया और बीजेपी चले गए।
सौमित्र खान को बंगाल बीजेपी का महत्वपूर्ण नेता माना जाता है। वे बीजेपी में 2014 में ही शामिल हुए, चुनाव लड़ा, सांसद बने। वे अभी भी बीजेपी में ही हैं और उनका कहना है कि वहीं रहेंगे।
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