जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। इंडियन रेलवेज को कोरोना काल में हो रहे नुकसान से उबरने में लंबा समय लग सकता है। इस दौरान उसके यात्री राजस्व में भारी कमी आई है। हालांकि माल भाड़ा में वो कुछ लाभ अर्जित कर सकती है।
अगले साल रेलवे को बड़ी संख्या में नई नियुक्तियां भी जारी करनी है और उसकी कई भारी- भरकम परियोजनाएं भी आगे बढ़नी है। ऐसे में मंत्रालय को अगले बजट में ज्यादा आवंटन की दरकार होगी।
ये भी पढ़े: शाह का एलान वैक्सीन आने के बाद CAA के नियम बनायेगी सरकार
ये भी पढ़े: पाकिस्तान में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान को फर्जी लाइसेंस से उड़ा रहा था पायलट
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ विनोद कुमार यादव का कहना है कि कोरोना काल के शुरू के चार महीनों अप्रैल- मई- जून- जुलाई में हुए नुकसान के बावजूद माल भाड़ा लदान में पिछले साल की तुलना में रेलवे 97 फीसदी तक पहुंच गया है।
अगले तीन महीनों में रेलवे को बीते साल से ज्यादा माल भाड़ा लदान और राजस्व अर्जित करने का अनुमान है। अभी तक के आंकड़ों के अनुसार उसे राजस्व में 9000 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।
रेलवे को सबसे ज्यादा झटका यात्री राजस्व में लगा है। जहां उसकी तमाम ट्रेनों के लंबे समय तक बंद रहने से घाटा हो रहा है। पिछले साल रेलवे ने यात्री राजस्व 53 हजार करोड़ रुपए अर्जित किया था, जबकि अभी तक यह महज 4600 करोड़ रुपए ही है।
ये भी पढ़े: Video : इनको देखोगे तो भूल जाओगे सनी लियोनी को
ये भी पढ़े: यूपी में पर्यटन उद्योग को ऐसे रफ्तार देगी योगी सरकार
ये लगभग 86 फीसदी कम है। हालांकि साल के अंत तक इसके 15000 करोड़ रुपए तक होने का अनुमान है तब भी यह बीते साल की तुलना में 28 से 29 फीसद ही हो पाएगा और लगभग 70 फीसद का घाटा रहेगा।
सूत्रों के अनुसार रेलवे को इस साल के घाटे की भरपाई करने में कम से कम दो साल लग सकते हैं। अगले साल रेलवे को बहुत सारी रिक्तियों को भरना है और लोगों को रोजगार भी देना है। ऐसे में उस पर दबाव और बढ़ेगा।
इस बीच उसकी कई बड़ी परियोजना भी चल रही हैं उनको समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाना है। ऐसे में अगले साल के बजट में रेलवे को सरकार से ज्यादा आवंटन की दरकार भी रहेगी।
ये भी पढ़े: डंके की चोट पर : बजरंग दल की अदालत और सरकार की पुलिस
ये भी पढ़े: बिना सोचे नीतियां लागू करने का खामियाजा भुगत रहा है भारत