जुबिली न्यूज डेस्क
मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में देशभर के किसानों का आंदोलन लगातार 23वें दिन भी जारी है। आंदोलन में शामिल लोगों के पहचान पर भी कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। इसको लेकर राजनीतिक पार्टियों के बीच तीखी बहस भी देखने को मिल रही है।
पिछले दिनों आंदोलन के दौरान किसानों के पिज्जा खाने पर भी चर्चा छिड़ी थी। फिलहाल किसानों की पहचान को लेकर उठे सवाल पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, ‘अजीब बात है कि कोई किसान सुप्रीम कोर्ट का वकील नहीं हो सकता, कोई किसान पिज्जा नहीं खा सकता, कोई किसान स्कॉर्पियो से नहीं चल सकता। किसानों के प्रति ऐसी हीन भावना क्यों है?’
सांसद ने कहा कि, ‘किसान आंदोलन करे तो उसका कपड़ा अगर फटा नहीं है, उसकी रोटी अगर सूखी नहीं है, अगर उसने घी लगा लिया तो वह किसान हो ही नहीं सकता। अजीब विडंबना है। किसान पढ़ा लिखा हो ही नहीं सकता। सुप्रीम कोर्ट का अधिवक्ता हो ही नहीं सकता। उसको एकदम अनपढ़ गंवार,भूखा-प्यासा, फटे कपड़े पहनना ही चाहिए। यह कैसी मानसिकता है?’
संजय सिंह ने आरोप लगाया कि विदर्भ में किसानों की आत्महत्या के आंकड़े बदल दिए गए। जो किसान आत्महत्या करते हैं उन्हें आतंकवादी, खालिस्तानी कह दिया जाता है। उन्हें चीन और पाकिस्तान से मिला हुआ कह दिया जाता है।
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आप सांसद ने कहा कि ‘आप भगत सिंह, करतार सिंह सराभा के वंशजों को आतंकवादी कहते हैं। जिन लोगों ने जलियावाला बाग कांड में अपनी आहुति दी उनकी आत्मा को आज कितनी तकलीफ हो रही होगी। मुझे समझ नहीं आता कि देश में कितनी कमजोर सरकार चल रही है।’
संजय सिंह ने कहा कि राज्यसभा में जबरन यह बिल पास किया गया। अंबानी और अडाणी को फायदा पहुंचाने के लिए बिल पास किया गया। संजय सिंह ने कहा कि अब जिद त्यागकर बीजेपी को किसानों की बात माननी चाहिए।
मालूम हो गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सदन में नए कृषि बिल को फाड़ दिया था। उन्होंने कहा कि बिल फाडऩे का उनको दुख है लेकिन वो अपने देश के किसानों के साथ गद्दारी नहीं कर सकते।
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