जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ. गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ की मांग पर रेल मंत्रालय ने तब गौर किया जब वह यूपी के मुख्यमंत्री के कार्यकाल के पौने चार साल पूरे कर चुके हैं. योगी आदित्यनाथ ने ने संसद में लखनऊ- गोरखपुर के बीच सेमी हाईस्पीड ट्रेन की मांग की थी. रेल मंत्रालय ने इस डिमांड को अपनी हरी झंडी दे दी है और लखनऊ – गोरखपुर रेलमार्ग की पटरियां बदलने का काम शुरू कर दिया है.
लखनऊ और गोरखपुर के बीच सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलेगी. इस ट्रेन की रफ़्तार 130 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. इस ट्रेन को चलाने के लिए 52 किलोग्राम की जगह 60 किलोग्राम की पटरियां लगाने का काम शुरू हो गया है. पटरियों के साथ ही स्लीपर भी बदले जा रहे हैं.
पटरियां बदलने के साथ ही डबल डिस्टेंस सिग्नल लगाने का काम भी किया जा रहा है. इस सिग्नल पर एक हरी और दो पीली बत्तियां होंगी. हरी लाइट का मतलब होगा चलते रहो, एक पीली लाईट का मतलब रफ़्तार कम और दोनों पीली लाईट का मतलब बहुत धीमी रफ़्तार में बढ़ना है. यह सिग्नल लग जाने के बाद ट्रेनों को आउटर पर रुकना नहीं पड़ेगा.
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पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह मांग तब की थी जब वह सांसद थे. मौजूदा समय में ट्रेनें 90 की स्पीड में चलती हैं. स्पीड 130 हो जायेगी तो समय की और भी बचत होगी.