Monday - 28 October 2024 - 10:34 PM

लड़ने को तो बेताब है, लेकिन कितना होगा “AAP” का असर

जुबिली न्यूज डेस्क

दिल्ली में भाजपा और कांग्रेस को धूल चटा चुकी आम आदमी पार्टी अब उत्तर प्रदेश में अगले विधानसभा चुनाव में ताल ठोकेगी। पार्टी के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज बात का ऐलान किया।

इसका ऐलान करते समय केजरीवाल ने दिल्ली सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि दिल्ली में रहने वाले उत्तर प्रदेश प्रदेश के लोग उनसे यूपी में आकर चुनाव लडऩे की अपील कर रहे हैं।

केजरीवाल के ऐलान करने के तुरंत बाद ही उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इसका जोरदार स्वागत किया और ट्विटर पर  #UPMeinBhiKejriwal ट्रेंड करा दिया।

केजरीवाल के इस ऐलान से जहां यूपी के आप कार्यकर्ता खुश है तो वहीं सवाल यह भी है कि उत्तर प्रदेश के चुनाव में आप कितना असर कर पायेगी। इस सवाल की वजह है दिल्ली और यूपी की राजनीति में अंतर।

राज्यसभा सांसद संजय सिंह को आम आदमी पार्टी ने राज्य का प्रभारी बनाया है। संजय सिंह की सक्रियता पिछले कुछ महीनों में जिस तरह से बढ़ी है उससे कयास लगाया जा रहा था कि यह यूपी के अगले विधानसभा चुनाव को लेकर है।

संजय सिंह योगी सरकार के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में उनकी सक्रियता अन्य नेताओं से ज्यादा रही है। उनकी सक्रियता से परेशान होकर योगी सरकार ने उनके खिलाफ कई मुकदमें भी दर्ज कर दिए थे।

फिलहाल ऐसा माना जा रहा है कि राज्य सभा सांसद संजय सिंह ही उत्तर प्रदेश में पार्टी का चेहरा होंगे। उन्हीं के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ेगी।

क्या होगी आप की रणनीति

उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी काफी समय से अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिश में लगी हुई है। वह कार्यकर्ताओं को बढ़ाने के साथ-साथ जनता के सवालों को भी उठाकर सरकार को घेरने का भी काम कर रही है।

आप के नेताओं की माने तो आम आदमी पार्टी राज्य के कुछ छोटे दलों के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतर सकती है। पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, पूर्व कैबिनेट मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की जनाधिकार पार्टी और कुछ अन्य दलों ने साथ मिलकर भागीदारी संकल्प मोर्चा के नाम से गठबंधन बनाया है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि इस गठबंधन में आम आदमी पार्टी भी शामिल हो सकती है।

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इसके अलावा यह भी उम्मीद की जा रही है कि आम आदमी पार्टी अखिलेश यादव के साथ जा सकती है। सोमवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में छोटे दलों के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ेगी। ऐसा माना जा रहा है कि इसमें उनके चाचा शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) भी शामिल होगी।

सपा का राष्ट्रीय लोकदल के साथ पहले से ही गठबंधन है। अब उम्मीद है कि आम आदमी पार्टी समाजवादी पार्टी के साथ चली जाए।

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वरिष्ठ  पत्रकार सुरेन्द्र दुबे कहते हैं कि यूपी में आम आदमी पार्टी लंबे समय से जनता की समस्याओं को उठा रही है। वह जमीनी स्तर पर काम कर रही है। चुनाव में इसका उसे कितना लाभ मिलेगा यह बता पाना थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि यूपी में विकास का मुद्दे पर राम मंदिर, हिंदुत्व, लव जिहाद, हावी रहता है और आप विकास के मुद्दे पर राजनीति करती आ रही है।

वह कहते हैं कि दिल्ली और यूपी की राजनीति बिल्कुल जुदा है। दोनों राज्यों की तुलना करना बेमानी होगा। दिल्ली में मिली आप की सफलता के आधार पर आंकलन करना कही से जायज नहीं है।

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