जुबिली न्यूज़ डेस्क
मद्रास के आईआईटी कैंपस में अचानक से कोरोना विस्फोट होने से हडकंप मच गया। यहां 71 छात्र कोरोना पॉजिटिव पाए गये। इसके बाद आईआईटी मद्रास ने अपने कई विभागों, सेंटर्स, लैब और लाइब्रेरी को बंद कर दिया है। साथ ही कैंपस में मौजूद 700 छात्रों की टेस्टिंग की जा रही है। फ़िलहाल फैकल्टी और छात्रों को घर से काम करने को कहा गया है।
कोरोना के अचानक से इतने मामले आने के बाद छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रशासन द्वारा सिर्फ एक मेस चलाने के फैसले के कारण कोरोना वायरस का संक्रमण फ़ैल गया। मेस में खाते वक्त कोई मास्क तो लगाए नहीं रह सकता। ऐसे में वहां लोगों की भीड़ संक्रमण को फैलाने में मददगार साबित हुई।
इसके अलावा एक बयान में संस्था ने कहा कि हॉस्टल में कुल 10 फीसदी रेजीडेंट के साथ काम किया जा रहा है। इसके बाद से सभी की टेस्टिंग की जा रही है। वहीं जो छात्र हॉस्टल में रह रहे हैं। उनके लिए पैक किया हुआ भोजन ही उपलब्ध कराया जा रहा है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस को देखते हुए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर बनाया जा रहा है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कितने लोग एक साथ सुरक्षित तरीके से काम कर सकते हैं। लेकिन जो रिसर्च स्कॉलर वापस आना चाहते थे उन्हें आने की इजाज़त दे दी गई थी। हालांकि, उन्हें तत्काल हॉस्टल में प्रवेश नहीं दिया गया था बल्कि उनके नंबर आने तक उन्हें प्रोजेक्ट स्टाफ की तरह बाहर ही रखा गया।
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इस मामले में एक सीनियर हेल्थ अधिकारी ने बताया कि घबराने की जरूरत नहीं है हम लोग संस्था के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। रोक लगने के बाद से ही हम लोगों को ऐसा होने की आशंका थी।
बता दें कि कोरोना वायरस मामलों को लेकर तमिलनाडु और राजधानी चेन्नई में काफी कमी आई है। रविवार को राज्य में 1195 मामले सामने आए जबकि चेन्नई में अकेले 340 मामले दर्ज किए गए।