जुबिली न्यूज़ डेस्क
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी की मुश्किलें बढ़ गई है। दरअसल, एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट ने रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। उनके खिलाफ ये वारंट साल 2012 में दर्ज किये गए एक मामले को लेकर जारी किया गया है।
यही नहीं, अदालत ने उस जमानतदारों को भी नोटिस भेजा है, जिन्होंने इस मामले में रीता बहुगुणा की जमानत ली थी। इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 4 जनवरी 2021 का दिन निर्धारित किया गया है।
ये था मामला
गौरतलब है कि मामला करीब आठ साल पहले का है। साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेस के टिकट पर लखनऊ के कैंट विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रही थी। उनपर आरोप है कि इस दौरान उन्होंने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया था।
इस मामले में वह काफी दिनों से कोर्ट से गैरहाजिर चल रही थी, और अदालत द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद भी पेश नहीं हो रही थी। इसी वजह से एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश पवन राय ने उनके खिलाफ सख्त तेवर अपनाते हुए गैर जमानती वारंट जारी किया है।
कोर्ट का कहना है कि यह मामला 8 सालों से लंबित है। इसमें रीता बहुगुणा जोशी को समन किया गया, लेकिन वह कोर्ट में पेश नहीं हो रही हैं। हाईकोर्ट ने ऐसे मामलों को जल्द निपटाने के आदेश दिए हैं, लेकिन बहुगुणा की गैरहाजिरी की वजह से केस की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है ।
बता दें कि सर्विलांस टीम के साथ स्टैटिक मजिस्ट्रेट मुकेश चतुर्वेदी ने कृष्णानगर में 17 फरवरी 2012 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उस रिपोर्ट के अनुसार चुनाव आयोग के निर्देश पर मजिस्ट्रेट अपनी टीम के साथ चेकिंग कर रहे थे।
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इस दौरान उन्हें सूचना मिली कि चुनाव प्रचार का समय खत्म हो चुका है, उसके बाद भी कांग्रेस प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए चुनाव प्रचार कर रही थी।
इस सूचना के बाद मजिस्ट्रेट जब बजरंगनगर पहुंचे तो देखा शाम 7।00 बजे के करीब रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेस के पक्ष में वोट मांग रही थीं। इसलिए बीते 8 साल से मौजूदा बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा के खिलाफ यह मुकदमा चल रहा है।