जुबिली न्यूज डेस्क
भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार तीसरी बार प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया गया है।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत गिरावट का अनुमान जताया। दास ने कहा कि रिजर्व बैंक वित्तीय प्रणाली में जमाकर्ताओं का हित सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है और वित्तीय बाजार व्यवस्थित तरीके से काम कर रहे हैं। वाणिज्यिक बैंक 2019-20 के लिये लाभांश का भुगतान नहीं करेंगे।
आरबीआई ने मौद्रिक नीति में नरम रुख को बरकरार रखा है। सर्दियों में महंगाई दर में कमी आने की उम्मीद जताई गई है। दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति के सभी सदस्यों ने मुद्रास्फीति के उच्च स्तर को देखते हुए नीतिगत दर को यथावत रखने के पक्ष में निर्णय किया है।
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उन्होंने कहा कि हम सुनिश्चित करेंगे कि अर्थव्यवस्था में पर्याप्त नकदी उपलब्ध हो, जरूरत पड़ने पर आवश्यक कदम उठाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में दिखे आर्थिक पुनरूद्धार के शुरूआती संकेत मिले हैं। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति तीसरी तिमाही में 6.8 प्रतिशत, चौथी तिमाही में 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है।