जुबिली न्यूज डेस्क
यूपी के सीएम सीएम योगी का देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के दौरे पर हैं। वे बुधवार सुबह 9:00 बजे से मुंबई में आयोजित “लिस्टिंग सेरेमनी” में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल होंगे। मुंबई स्टॉक एक्सचेंज में मुख्यमंत्री का यह प्रथम कार्यक्रम होगा, जिसमें म्युनिसिपल बांड के लिस्टिंग सेरेमनी में सहभागिता कर रहे हैं।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में रुपए 200 करोड़ के लखनऊ म्युनिसिपल बान्ड के सूचीबद्ध होने के कार्यक्रम में यूपी के कई मंत्री और अधिकारी भी शामिल होंगे। कार्यक्रम से पहले मुंबई पहुंच कर अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल और नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी आदि ने कार्यक्रम की तैयारियों जायज़ा लिया।
बुधवार की सुबह बीएसई में लखनऊ नगर निगम के बांड की लिस्टिंग के साथ योगी उत्तर प्रदेश के नगरीय विकास में नए युग की शुरुआत करेंगे। इसके साथ ही योगी सरकार अगले कुछ महीनों के भीतर प्रदेश के करीब आधा दर्जन निकायों के बांड जारी करने की प्रक्रिया तेज कर देगी।
हाल ही में लखनऊ नगर निगम ने प्रदेश की राजधानी को हर लिहाज विकास, सौंदर्यीकरण और साफ-सफाई आदि से स्मार्ट बनाने के लिए 200 करोड़ का बॉन्ड जारी किया था।
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कोविड काल में भी सरकार पर भरोसा कर निवेशकों ने इसे हाथों हाथ लिया। नतीजन यह 225 फीसदी से अधिक सब्सक्राइब हुआ है। इस तरह का बांड जारी करने वाला लखनऊ उत्तर भारत का पहला नगर निगम है। इससे उत्साहित सरकार आने वाले समय में सरकार गाजियाबाद, वाराणसी, कानपुर और आगरा जैसे बड़े नगर निकायों का बांड भी जारी करेगी।
इस बॉन्ड के माध्यम से जुटाई गई धनराशि को राज्य की राजधानी में विभिन्न बुनियादी ढांचागत योजनाओं में निवेश किया जाएगा। लखनऊ नगर निगम के बॉन्ड पर निवेशकों को 8.5 फीसदी वार्षिक ब्याज मिलेगा और इसकी परिपक्वता अवधि 10 साल है।
देश में बढ़ते तेजी से शहरीकरण को देखते हुए शहरों को अगले वर्षों में बुनियादी ढांचा विकास के लिए बड़े पैमाने पर रकम जुटाने की जरूरत होगी। म्युनिसिपल बॉन्ड से ऐसा माना जाता है कि सस्ती दर पर कर्ज जुटाया जा सकता है।
सबसे पहले आपको यह बताते हैं कि बॉन्ड क्या होते हैं। बॉन्ड असल में एक तरह का साख पत्र होता है, जिसके तहत आम जनता या संस्थाओं से धन जुटाये जाते हैं। इसमें एक बॉन्ड जारी करने वाली संस्था एक निश्चित समय के लिए रकम उधार लेती है और निश्चित रिटर्न यानी ब्याज देने के साथ मूलधन वापस करने की गारंटी देती है। यह निवेशकों के लिए निश्चित आय का एक निवेश साधन होता है। यह एक तरह से कर्ज लेने वाले और देने वाले के बीच समझौता होता है।
क्या होते हैं म्युनिसिपल बॉन्ड
म्युनिसिपल या नगर निगम बॉन्ड शहरी स्थानीय निकायों द्वारा जारी किये जाते हैं। शहर में विकास कार्यों को जारी रखने के लिए बड़े पैमाने पर धन की जरूरत होती है, इसलिए सरकार से पैसा लेने की जगह यह एक अच्छा वैकल्पिक स्रोत साबित हो रहा है। इस तरह से बॉन्ड जारी कर नगर निगम पैसा जुटाते हैं और उसे शहर के बुनियाद ढांचा विकास जैसे कार्यों पर खर्च करते हैं।
सेबी के निर्देश
पूंजी बाजार नियामक SEBI ने साल 2015 में शहरी निकायों के लिए म्यूनिसिपल बॉन्ड जारी करने के लिए दिशानिर्देश जारी किये थे। सेबी के निर्देश के मुताबिक सिर्फ वही शहर ऐसे बॉन्ड जारी कर सकते हैं, जिनका नेटवर्थ लगातार तीन पिछले वित्त वर्ष तक नेगेटिव न रहा हो और पिछले एक साल में उन्होंने कोई लोन डिफाल्ट न किया हो। इसके अलावा जनता को निवेश के लिए सिर्फ वही म्युनिसिपल बॉन्ड जारी किये जा सकते हैं जिनकी रेटिंग BBB या इससे ज्यादा हो।
टैक्स बचत का फायदा
लॉन्ग टर्म में निश्चित रिटर्न मिलने की बात होती है, इसलिए जनता भी इसमें भरोसे के साथ निवेश करती है। शेयर बाजार में लिस्टेड होने के बाद इसमें आम जनता भी एक्सचेंजों के माध्यम से निवेश कर सकती है। इन बॉन्ड पर निवेशक को मिलने वाला रिटर्न इनकम टैक्स से मुक्त होता है। इसकी रेटिंग एजेंसियों से रेटिंग जारी होती है, इसलिए इन्हें सुरक्षित निवेश भी माना जाता है।
अभी तक कुल 11 नगर निगम बॉन्ड जारी किये हैं जिनसे करीब 3690 करोड़ रुपये जुटाये गये हैं। इनमें से बीएसई बॉन्ड मंच का योगदान 3,175 करोड़ रुपये है। इसके पहले अमरावती (2000 करोड़ रुपये), विशाखापत्तनम (80 करोड़ रुपये), अहमदाबाद (200 करोड़ रुपये), सूरत (200 करोड़ रुपये), भोपाल (175 करोड़ रुपये), इंदौर (140 करोड़ रुपये), पुणे (495 करोड़ रुपये), हैदराबाद (200 करोड़ रुपये) जैसे शहरों के भी म्युनिसिपल बॉन्ड आ चुके हैं।
बीएसई बॉन्ड प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हुए लखनऊ नगर निगम ने पिछले हफ्ते ही इस बॉन्ड के लिए प्राइवेट प्लेसमेंट के जरिये 200 करोड़ रुपये जुटा लिये हैं। इसका मतलब यह है कि बॉन्ड को जनता के लिए जारी करने से पहले ही कुछ बड़ी संस्थाओं से यह रकम जुटा ली गयी है। इसमें चौथे से लेकर सातवें साल तक 7 साल तक समान किश्त में मूलधन को वापस किया जाएगा।
बॉम्बे स्टाक एक्सचेंज का प्लेटफॉर्म नगर निगमों के लिए बॉन्ड के जरिए धन इकट्ठा करने का अच्छा साधन बन गया है। लखनऊ नगर निगम के बॉन्ड की लॉन्चिंग के बाद यूपी सरकार गाजियाबाद, वाराणसी, आगरा और कानपुर के नगर निकाय के बांड लॉन्च करने की तैयारी में है।
मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी के नेतृत्व में नोएडा फिल्म सिटी निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। फिल्म सिटी निर्माण से उत्साहित अभिनेता श्री @akshaykumar जी ने मुख्यमंत्री जी से आज मुम्बई स्थित होटल ट्राइडेंट में मुलाकात कर अपने आगामी प्रोजेक्ट के विषय में चर्चा की। pic.twitter.com/t41GYoEhp2
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) December 1, 2020
इससे पहले सीएम योगी मुंबई से नोएडा में बनने जा रही सबसे बड़ी और अत्याधुनिक फिल्म सिटी की रूप रेखा पर फिल्म जगत के दिग्गजों से चर्चा की। सीएम योगी ने मंगलवार को अक्षय कुमार से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि वे इंडस्ट्री के करीब 50 निर्माता, निर्देशकों और कलाकारों से मुलाकात कर सकते हैं।