जुबिली न्यूज़ डेस्क
कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 6 दिनों से किसानों का प्रदर्शन जारी है। आज प्रदर्शन का सातवां दिन होने वाला है, मगर मंगलवार को किसान यूनियनों और सरकार के बीच हुई बातचीत बेनतीजा रही। जैसे-जैसे दिन गुजरते जा रहे हैं, किसानों का आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है।
सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर के बाद अब नोएडा-दिल्ली के चिल्ला बॉर्डर पर भी किसान डट गए हैं। चिल्ला बॉर्डर पर हजारों की संख्या में डटे किसानों ने प्रदर्शन किया और मंगलवार शाम से ही लोगों को जाम की परेशानी से जूझना पड़ा।
चिल्ला बॉर्डर पर किसान आंदोलन की वजह से दिल्ली-नोएडा मार्ग पर आने-जाने के रास्ते को बाधित कर दिया है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्रैफिक अलर्ट जारी कर कहा है कि अक्षरधाम मंदिर से चिल्ला बॉर्डर रोड किसान आंदोलन की वजह से बंद कर दिया गया है। ट्रैफिक पुलिस ने लोगों को इस रास्ते न जाने की अपील की है।
दरअसल, पंजाब और हरियाणा से आए हजारों किसान अभी दिल्ली की सीमाओं पर जमे हुए हैं और वह दिल्ली में एंट्री चाहते हैं और जंतर-मंतर पर धरना देना चाहते हैं।
करीब 35 किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच मंगलवार को बैठक हुई। इसमें कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल समेत अन्य नेता शामिल रहे। किसानों को MSP पर प्रेजेंटेशन दी गई, साथ ही मंडी सिस्टम को लेकर जानकारी दी गई।
हालांकि, किसानों का एक ही सवाल रहा कि क्या सरकार MSP को कानून का हिस्सा बनाएगी। जब बातचीत खत्म हुई तो कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका। तीन घंटे की चर्चा के बाद किसानों ने कहा कि उनका आंदोलन जारी रहेगा, वहीं सरकार ने कहा कि बातचीत सकारात्मक रही है, तीन दिसंबर को फिर से चर्चा होगी।