जुबिली न्यूज़ डेस्क
मौजूदा समय में प्रदूषण से बड़ा खतरा शायद ही कोई और हो। ये बात इस बात से साबित होती है कि लंदन में वायु प्रदूषण की वजह से एक नौ साल की बच्ची की मौत हो गई। नौ वर्षीय एल्ला कीसी देबराह की लंदन में वर्ष 2013 में तेज अस्थमा दौरे व सांस की तकलीफ के कारण मृत्यु हो गई।
देबराह के घर के पास लगातार तीन वर्षो तक वायु प्रदूषण लंदन के निर्धारित मानकों से ज्यादा निकला था, यानि वायु प्रदूषण ही मृत्यु का संभावित कारण है। इस मामले में मृतक की माता रोजमंड एल्ला ने यूके के हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है।
इसमें वायु प्रदूषण के कारण मृत्यु होने पर सरकार की विफलता को दर्शाया गया है। यह विश्व का पहला मामला है जब यूके हाई कोर्ट ने प्रदूषण के कारण मृत्यु पर मामले का संज्ञान लिया है। अब इस मामले में 30 नवंबर से सुनवाई शुरू होगी।
इस सुनवाई के दौरान यह तय किया जाएगा कि क्या वायु प्रदूषण ही एल्ला कीसी देबराह की मृत्यु का कारण था या फिर कुछ और। साथ ही सुनवाई में कोर्ट विचार करेगा कि क्या स्थानीय सरकार वायु प्रदूषण स्तर को कम करने में पूरी तरह विफल रही। यह मामला अब यूके व यूरोप में हुई कई अन्य मौतों के मामलों में भी समान कारकों (वायु प्रदूषण) के कारण न्यायालय में विचारणीय तथ्य पेश करेगा।
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मालूम हो कि एल्ला किसी देबराह को 27 बार अस्पताल जाना पड़ा था, जब उसे सांस लेने में ज्यादा तकलीफ हो रही थी। मरीज को दौरा भी पड़ा था। उसे सांस लेने में भारी तकलीफ थी और अस्थमा भी था। कोर्ट यह भी देखेगी कि उसकी बीमारी के दौरान क्या प्रदूषण स्तर को सही ढंग से मापा गया था या नहीं।
परिवार की लीगल टीम ने इस केस को हाई कोर्ट द्वारा खोलने के लिए वायु प्रदूषण को आधार बनाया है। इसमें संदेह नहीं कि यह केस दुनिया को एक नई राह दिखाएगा और वायु प्रदूषण की गंभीरता के प्रति भी लोगों को और भी जागरूक करेगा।