जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। गूगल, अमेजन,फेसबुक, यूट्यूब, और सेंट्रल कार्ट जैसी दुनिया की नामचीन कंपनियां अब अपना डाटा यूपी में रखेंगी। उत्तर प्रदेश में पहले डाटा सेंटर बनने की शुरुआत हो गई है।
नोएडा में करीब 600 करोड़ रुपये के निवेश वाले डाटा सेंटर के शिलान्यास के साथ ही सीएम योगी ने विदेशों में डाटा रखने की निर्भरता खत्म करने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। मुंबई के हीरानंदानी समूह ने 20 एकड़ में बनने वाले डाटा सेंटर का निर्माण शुरू कर दिया है।
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250 मेगावाट क्षमता वाले इस डेटा सेंटर पार्क से 2000 युवाओं को प्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिल सकेगा। उत्तर भारत के इस सबसे बड़े डाटा सेंटर के जरिये 20 हजार से ज्यादा लोगों को अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार और व्यापार के अवसर मिलने जा रहे हैं।
इस परियोजना से जहां युवाओं के लिए रोजगार की बड़ी खेप पैदा होगी वहीं यूपी व अन्य जगहों पर काम कर रही आईटी कंपनियों को अपना कारोबार करने में खासी मदद मिलेगी।
अत्याधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस यह अपनी तरह का पहला डाटा सेंटर पार्क होगा। डाटा सेंटर को लेकर योगी सरकार की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कोविड के दौरान ही पूरे प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देने के साथ ही जमीन आवंटन और अब शिलान्यास भी किया गया है।
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जून 2022 तक यूपी का यह पहला डाटा सेंटर काम करना शुरू कर देगा। डाटा सेंटर की शुरुआत के साथ ही गूगल,अमेजन, फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और सेंट्रल कार्ट समेत देश और दुनिया की करीब दर्जन भर कंपनियां अपना डाटा सुरक्षित रख सकेंगी।
मुंबई, चेन्नई व हैदराबाद में डाटा सेंटर बनाने के बाद अब यूपी में पहला और उत्तर भारत का सबसे बड़ा डाटा सेंटर बनाने की तैयारी में जुटे हीरानंदानी समूह ने इसे भारत में डाटा क्रांति करार दिया है।
डाटा सेंटर के क्षेत्र में निवेश के लिए रैक बैंक, अडानी समूह व अर्थ कंपनियों ने 10000 करोड़ रुपये के भारी भरकम निवेश का प्रस्ताव यूपी सरकार को दिया है। इसको लेकर भी योगी सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।
भारत में पर्याप्त डाटा सेंटर न होने के कारण उत्तर प्रदेश समेत देश के तमाम हिस्सों से डाटा विदेशों में रखे जाते हैं। डाटा सेंटर पार्क बनने के बाद अपने देश में ही अपने डाटा सुरक्षित रख सकेंगे।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर कुछ समय से देश भर में इस तरह के डाटा सेंटर बनाने की योजना पर काम हो रहा है। योगी सरकार डाटा सेंटर के सेक्टर में व्यापक संभावनाओं को देखते हुए इसके लिए अलग नीति भी बना रही है।
डाटा सेंटर के क्षेत्र में बड़े निवेश में रुचि दिखा रही कंपनियों के प्रस्ताव को योगी सरकार की बड़ी सफलता माना जा रहा है। कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि यह उत्तर भारत का सबसे अत्याधुनिक और बड़ा डाटा सेंटर होगा। आने वाले समय में प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी इस तरह के डाटा सेंटर का निर्माण किया जाएगा।
ये काम करेगा डाटा सेंटर
डाटा सेंटर नेटवर्क से जुड़े हुए कंप्यूटर सर्वर का एक बड़ा समूह है। इसके जरिए बड़ी मात्रा में डाटा भंडारण, प्रोसेसिंग व डिस्ट्रीब्यूशन के लिए कंपनियों द्वारा उपयोग किया जाता है।
यूपी में सोशल मीडिया प्लेटफार्म मसलन फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि के करोड़ों उपभोक्ता हैं और इन उपयोग कर्ताओं से जुड़ा डाटा सुरक्षित रखना महंगा व मुश्किल काम रहता है। इसके अलावा बैंकिंग, रिटेल व्यापार, स्वास्थ्य सेवा, यात्रा, पर्यटन के अलावा आधार कार्ड आदि का डाटा भी खासा अहम है।
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