जुबिली न्यूज़ डेस्क
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन ने शनिवार को उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश में देर शाम बरेली के देवरनियां थाने में ससे सम्बंधित पहला मामला भी दर्ज हो गया।पुलिस ने मुक़दमा दर्ज करते हुए आरोपी के गिरफ़्तारी के निर्देश भी दे दिए हैं।
बताया जा रहा है कि देवरनियां के एक गांव निवासी व्यक्ति ने रिपोर्ट लिखाई है कि उनकी बेटी के साथ उवैस अहमद पढता था। कुछ दिनों बाद दोनों में दोस्ती हो गई। और अब वो शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन करने का दबाव बना रहा है। इसी के चलते कई बार उसे समझाने की भी कोशिश की गयी लेकिन वो मानने को तैयार नहीं।
वहीं इस मामले में प्रभारी एसएसपी डॉ. संसार सिंह ने बताया कि यूपी सरकार ने उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम लागू किया है। बीत रात देवरनिया थाने में इसी कानून के तहत उवैस के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। साथ ही उसकी गिरफ़्तारी के भी निर्देश दे दिए गये हैं फिलहाल आरोपी घर से फरार है।
योगी कैबिनेट ने 24 नवंबर को लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश को मंजूरी मिली थी। हालांकि इस अध्यादेश में कहीं भी लव जिहाद शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है लेकिन यह कहा गया है कि गैर कानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन कराने पर एक्शन लिया जाएगा।
फिलहाल, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के इस अध्यादेश को मंजूरी देने के बाद यह कानूनी रूप ले चुका है। इसे 6 महीने के अंदर राज्य सरकार को विधानसभा से पास कराना पड़ेगा।
लगेगा इतना जुर्माना
इस कानून के तहत जो अपराधी पाया जायेगा या कोई सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन कराता है तो उसे 10 साल की सजा और 50 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा। यदि ऐसा करने वाला कोई संगठन है तो उसकी मान्यता रद्द हो सकती है। उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।