जुबिली न्यूज़ डेस्क
बिहार में विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव से एक दिन पहले सियासी गहमागहमी बढ़ गई है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मोबाइल नंबर शेयर करते हुए रांची की जेल में सजा काट रहे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर आरोप लगाया कि वह फोन कर एनडीए विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लालू एनडीए विधायकों को मंत्री बनाने तक का ऑफर दे रहे हैं।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में एनडीए की सरकार का गठन हुआ है। राज्य की 243 सीटों की विधानसभा में एनडीए पास 125 सीटें हैं जबकि महागठबंधन के पास 110 सीटें हैं।
सुशील मोदी के आरोप के जवाब में राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सुशील मोदी लालू फोबिया से ग्रस्त रहे हैं और अनर्गल बयान देते रहते हैं। उन्होंने कहा कि उप-मुख्यमंत्री से हटाए गए हैं, इसलिए चर्चा में बने रहने के लिए यह हथकंडा अपना रहे हैं।
https://twitter.com/SushilModi/status/1331256676469510146?s=20
सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में मोबाइल नंबर 8051216302 का जिक्र करते हुए कहा कि इस नंबर से विधायकों को फोन आए हैं। उन्होंने दावा किया कि इस नंबर की सत्यता की पुष्टि करने के लिए जब फोन किया तो सीधे लालू यादव ने कॉल रिसिव किया।
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, “लालू प्रसाद से मैंने बातचीत भी की और उन्हें कहा कि ऐसी गंदी हरकत न करें। विधायकों को तोड़ने की कोशिश कहीं से भी उचित नहीं है और इस कोशिश में आप कामयाब नहीं होंगे। उनकी मंशा कभी भी सफल नहीं होने वाली है।
वहीं जब इस नंबर से संपर्क करने की कोशिश की गई तो वह लगातार इंगेज टोन बताता रहा, हालांकि ट्रू कॉलर में मोबाइल नंबर के मालिक का नाम इरफान आ रहा है। लालू प्रसाद के एक सेवादार (सेवक) का नाम भी इरफान अंसारी है। इरफान अंसारी आरजेडी के पदाधिकारी भी है।
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बिहार विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए पद के लिए एनडीए की ओर से विजय सिन्हा, जबकि महागठबंधन से अवध बिहारी चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है। बुधवार को सदन की कार्यवाही आरंभ होने तक यदि विपक्ष ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया तो मतदान से विधानसभा के नए अध्यक्ष का फैसला होगा। ऐसे में सुशील मोदी के आरोप के बाद यह सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या चुनाव में मात खाने के बाद महगठबंधन जोड़तोड़ करके सत्ता में आने की ताक में है।
चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद पर झारखंड में कुल पांच मामले चल रहे हैं। इनमें से चार मामलों में उन्हें सजा मिल चुकी है। इनमें से चाईबासा के दो व देवघर के मामले में जमानत मिल चुकी है, जबकि दुमका कोषागार वाले में उन्होंने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है। डोरंडा कोषागार वाले मामले में अभी निचली अदालत में सुनवाई चल रही है।