जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. कनाडा की एक यूनीवर्सिटी एतिहासिक गल्तियों को ठीक करने के मकसद से देवी अन्नपूर्णा की अनोखी मूर्ति भारत को वापस लौटाएगा. इस मूर्ति को एक सदी पहले भारत से चुराकर कनाडा ले जाया गया था. यह मूर्ति अब मैकेंजी आर्ट गैलरी में रेजिना यूनिवर्सिटी के संग्रह का बहुत ख़ास हिस्सा है.
यूनीवर्सिटी ने एक बयान जारी कर कहा कि कलाकार दिव्या मेहरा ने यह तथ्य सामने रखा है कि मूर्ति को भारत से गलत तरीके से कनाडा लाया गया था. यह मूर्ति नोर्मान मैकेंजी की 1936 की वसीयत का हिस्सा है.
यूनीवर्सिटी ने 19 नवम्बर को एक कार्यक्रम आयोजित कर डिजीटल तरीके से यह मूर्ति भारत को लौटा भी दी लेकिन बहुत जल्दी इसे भारत में वापस पहुंचा दिया जाएगा. इस सम्बन्ध में यूनीवर्सिटी के वाइस चांसलर ने कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया से भी बात कर ली है. इस मूर्ति को बिसारिया भारत वापस लायेंगे.
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जानकारी के अनुसार इस मूर्ति को वर्ष 1913 में वाराणसी के गंगा घाट से चुराकर कनाडा ले जाया गया था. यूनीवर्सिटी इस मूर्ति को भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को सौंप देगी. अजय बिसारिया के ज़रिये देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति अपने मूल स्थान पर पहुँच जायेगी.