जुबिली न्यूज डेस्क
बिहार में एनडीए सरकार बनने के महज दो दिन के अंदर ही भ्रष्टाचार के आरोपी शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी पर तलवार लटकने लगी है। सूत्रों की माने तो बढ़ते विवाद के बीच सीएम नीतीश कुमार मेवालाल चौधरी को पद से हटा सकते हैं।
दरअसल, बिहार के नए शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी मंत्री पद की शपथ लेने के बाद से ही विवादों में बने हुए हैं। नीतीश कुमार ने अपनी नई सरकार में मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाया है और इसके बाद से ही विपक्ष लगातार उन पर हमलावर है और उन्हें हटाने की मांग कर रहा है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को मंत्री मेवालाल चौधरी को तलब किया, जिसके बाद वह मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे और उनसे मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच बैठक के दौरान किस प्रकार की बात हुई इस बात का खुलासा नहीं हो सका है, मगर ऐसा लगता है कि मेवालाल चौधरी को लेकर नीतीश कुमार कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।
दरअसल, 2017 में मेवालाल चौधरी पर भागलपुर के सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रहते हुए नौकरी में भारी घपलेबाजी करने का आरोप है। उन पर आरोप है कि कुलपति रहते हुए उन्होंने 161 असिस्टेंट प्रोफेसर की गलत तरीके से बहाली की। इस मामले को लेकर उनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज है।
बिहार के तत्कालीन राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने उस वक्त मेवालाल चौधरी के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे. जांच में मेवालाल चौधरी के खिलाफ लगे आरोपों को सही पाया गया था। उन पर सबौर कृषि विश्वविद्यालय के भवन निर्माण में भी घपलेबाजी का आरोप है।
नए शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी को लेकर जेल में बंद राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी बुधवार को ट्वीट के जरिए नीतीश कुमार पर हमला बोला।’
तेजस्वी जहाँ पहली कैबिनेट में पहली कलम से 10 लाख नौकरियाँ देने को प्रतिबद्ध था वहीं नीतीश ने पहली कैबिनेट में नियुक्ति घोटाला करने वाले मेवालाल को मंत्री बना अपनी प्राथमिकता बता दिया।
विडंबना देखिए जो भाजपाई कल तक मेवालाल को खोज रहे थे आज मेवा मिलने पर मौन धारण किए हैं। https://t.co/armjAXpwR4
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) November 18, 2020
लालू ने कहा, ‘तेजस्वी ने जहां पहली कैबिनेट में पहले कदम से 10 लाख नौकरियां देने को प्रतिबद्धता, वहीं नीतीश ने पहली कैबिनेट में नियुक्ति घोटाला करने वाले मेवालाल को मंत्री बनाकर अपनी प्राथमिकता बता दी।’