जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का भले ही समाजवादी पार्टी में विलय न हो लेकिन दोनों पार्टियों के बीच चुनाव के समय राजनीतिक समझौता संभव भी हो सकता है।
ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि अखिलेश ने दो दिन पूर्व कहा था कि आगामी विधान सभा चुनाव में बड़े दलों के साथ गठबंधन नहीं करेगे लेकिन छोटी पार्टियों के साथ तालमेल बैठा सकते हैं।
इतना ही नहीं शिवपाल यादव की पार्टी प्रसपा के साथ गठबंधन करने की बात कही थी। अब शिवपाल यादव ने भी इसको लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि अखिलेश से मतभेद नहीं, सम्मानजनक सीटें मिली तो 2022 चुनाव के लिए गठबंधन करेंगे।
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शिवपाल यादव मंगलवार को बहराइच के एक मांगलिक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अखिलेश यादव से मेरा कोई मतभेद नहीं है।
उन्होंने कहा कि 2022 यूपी के विधानसभा चुनाव में अगर हमें सम्मानजनक सीटें मिलीं तो हम समाजवादी पार्टी से गठबंधन करेंगे। गौरतलब है कि, वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अखिलेश और शिवपाल के बीच तल्खी बहुत बढ़ गई थी।
शिवपाल ने बाद में समाजवादी पार्टी से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन किया था। शिवपाल ने इस दौरान मौजूदा सरकार पर निशाना साधा है।
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उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में नौकरशाही हावी है और विधायकों की सुनवाई नहीं हो रही है। शिवपाल ने कहा कि किसान और व्यापारी परेशान है।
महंगाई लगातार बढ़ रही है। ये सरकार कोरोना को रोकने में पूरी तरह असफल साबित हुई है. अगर विदेश से आने वाले नागरिकों को एयरपोर्ट पर क्वारंटीन किया जाता तो कोरोना कभी नहीं फैलता। ऐसे में शिवपाल यादव की पूरा फोकस आगामी विधान सभा चुनाव में बीजेपी को रोका जाये।
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इस वजह से उन्होंने कई मौकों पर सपा के साथ गठबंधन करने की बात कही थी। अब जब अखिलेश यादव ने खुलकर इस पर अपनी राय रख दी है। अब अगर अखिलेश और शिवपाल एक साथ चुनावी दंगल में उतरते है तो सपा को बड़ा फायदा हो सकता है।