जुबिली न्यूज डेस्क
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। पिछले एक दशक में पार्टी का जनाधार तेजी से घटा है। केंद्र की सत्ता से बेदखल होने साथ-साथ एक के बाद एक राज्य भी कांग्रेस के हाथ से निकलता जा रहा है।
हाल में ही बिहार में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का बेहद खराब प्रदर्शन रहा। कहा जा रहा है कि कांग्रेस की वजह से तेजस्वी की ताजपोशी नहीं हो पायी। इतना ही नहीं बिहार विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस अपने पिछले चुनाव का प्रदर्शन तक नहीं दोहरा पाई।
बिहार ही नहीं मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश में हुए उपचुनाव को भी कांग्रेस जीतने में सफल नहीं हुई। कांग्रेस की इस स्थिति और चुनावी हार पर कपिल सिब्बल ने एक बार फिर सवाल उठाया है।
मालूम हो कि कपिल सिब्बल कांग्रेस के उन नेताओं में शामिल रहे थे, जिन्होंने कुछ समय पहले ही सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर हर स्तर पर शीर्ष नेतृत्व में बदलाव की मांग रखी थी।
हालिया बिहार चुनाव और बाकी राज्यों के उपचुनाव में खराब प्रदर्शन को लेकर हुए सवाल पर कपिल सिब्बल ने कहा कि सिर्फ बिहार ही नहीं, अन्य जिन राज्यों में उपचुनाव हुआ, वहां के लोग अब कांग्रेस को प्रभावी विकल्प नहीं मानते। यह एक निष्कर्ष है।
उन्होंने कहा कि आखिर बिहार में विकल्प राजद थी लेकिन हम गुजरात में सभी उपचुनाव की सीटें हार गए। यहां तक कि लोकसभा चुनाव में भी हम वहां एक सीट नहीं जीत पाए थे। उत्तर प्रदेश की कई विधानसभाओं में कांग्रेस प्रत्याशियों को दो फीसदी से भी कम वोट मिले गुजरात में तो हमारे तीन प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो गई। तो पार्टी की स्थिति के बारे में सब साफ है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी में शामिल हमारे एक दोस्ट कहते हैं- मुझे उम्मीद है कि कांग्रेस आत्मविश्लेषण करेगी।”
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सिब्बल ने एक बार फिर कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि “अगर कांग्रेस ने छह सालों में आत्मविश्लेषण नहीं किया, तो अब इसके बारे में उम्मीद करने से क्या? हम जानते हैं कांग्रेस के साथ क्या गड़बड़ है। हम यह भी जानते हैं कि संगठन के तौर पर कहां गड़बड़ है। हमारे पास जवाब भी हैं। कांग्रेस पार्टी के पास खुद भी जवाब हैं, लेकिन वह इन जवाबों को पहचानने के लिए तैयार नहीं। अगर वे इसे नहीं पहचानते तो ग्राफ गिरता ही जाएगा। यह कांग्रेस की दुखद स्थिति है और हमें इसी की चिंता है।”
कांग्रेस की तरफ से कई मुद्दों को न उठाए जाने के सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा, “मुद्दे उठाने में रुकावट है, क्योंकि ष्टङ्खष्ट एक नामांकित संस्था है। इसमें लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं अपनाई जानी चाहिए, जिन्हें ष्टङ्खष्ट के संविधान में भई शामिल किया जाना चाहिए। आप नामित सदस्यों से तो चुनावों में कांग्रेस के लगातार गिरते प्रदर्शन पर सवाल पूछने और चिंता जाहिर करने की उम्मीद नहीं कर सकते।”
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