जुबिली न्यूज़ डेस्क
दिवाली का त्यौहार कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस साल दिवाली 14 नवंबर यानी आज है। दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। इस दिन मां लक्ष्मी को खुश करने के लिए तरह-तरह के उपाय किए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी अपने भक्तो पर कृपा बरसाती है।
यही नहीं लोग अपने घरों के आंगन में और मुख्य दरवाजे पर रंगोली बनाई जाती है। दिवाली की रात सर्वार्थ सिद्धि की रात मानी जाता है। अगर आप भी दिवाली पर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो आइए हम आपको बताते हैं कि दीपावली के दिन किस शुभ मुहूर्त और किस विधि से आप उनकी पूजा करें जिससे प्रसंन होकर मां लक्ष्मी आप पर कृपा बरसाए।
इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5:28 से शाम 7:30 तक ( वृष, स्थिर लग्न)
प्रदोष काल मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5:33 से रात्रि 8:12 तक
महानिशीथ काल मुहूर्त ( काली पूजा)
महानिशीथ काल मुहूर्त्त: रात्रि 11:39 से 00:32 तक।
सिंह काल मुहूर्त्त: रात्रि 12:15 से 02:19 तक।
ये सामग्री करें उपयोग
पूजा करने के लिए मां लक्ष्मी की प्रतिमा (कमल के पुष्प पर बैठी हुईं), गणेश जी की तस्वीर या प्रतिमा (गणपति जी की सूंड बांयी ओर होनी चाहिए), कमल का फूल, गुलाब का फूल, पान के पत्ते, रोली, सिंदूर, केसर, अक्षत (साबुत चावल), पूजा की सुपारी, फल, फूल मिष्ठान, दूध, दही, शहद, इत्र, गंगाजल, कलावा, धान का लावा(खील) बताशे, लक्ष्मी जी के समक्ष जलाने के लिए पीतल का दीपक,।
इसके अलावा मिट्टी के दीपक, तेल, शुद्ध घी और रुई की बत्तियां तांबे या पीतल का कलश, एक पानी वाला नारियल, चांदी के लक्ष्मी गणेश स्वरुप के सिक्के, साफ आटा, लाल या पीले रंग का कपड़ा आसन के लिए, चौकी और पूजा के लिए थाली।
इस तरह से करें पूजा
दिवाली की पूजा करने के लिए सबसे पहले पूजा का संकल्प लें। श्रीगणेश, लक्ष्मी, सरस्वती जी के साथ कुबेर जी के सामने एक-एक करके सामग्री अर्पित करें। इसके बाद देवी-देवताओं के सामने घी के दीए प्रवज्जलित करें। ऊं श्रीं श्रीं हूं नम: का 11 बार या एक माला का जाप करें। एकाक्षी नारियल या 11 कमलगट्टे पूजा स्थल पर रखें। श्री यंत्र की पूजा करें और उत्तर दिशा में प्रतिष्ठापित करें।