जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार झेलने के बावजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में इसका कोई असर नज़र नहीं आ रहा है. 70 उम्मीदवार कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे थे जिनमें से सिर्फ 19 ही चुनाव जीत पाए. चुनाव जीतने वाले अब विधायक दल का नेता बनने की जोड़तोड़ में जुट गए हैं.
पटना के सदाकत आश्रम स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में विधायक दल की बैठक के दौरान विधायक समर्थकों में खूब लात-घूंसे चले. समर्थक आपस में गाली गलौज कर रहे थे. पटना से आयी यह शर्मनाक तस्वीर कांग्रेस आलाकमान की मुश्किलों को बढ़ाने वाली है.
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आज विधायकों की बैठक बुलाई गई थी ताकि विधायक दल का नेता चुना जा सके. विक्रम विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित विधायक सिद्धार्थ सिंह के समर्थक चाहते थे कि उन्हें विधायक दल का नेता चुन लिया जाये. सिद्धार्थ सिंह के समर्थक सुबह से ही सदाकत आश्रम में जमा थे.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से एक तरफ सिद्धार्थ सिंह के समर्थक यह मांग कर रहे थे कि उन्हें नेता चुन लिया जाए तो दूसरी ओर विधायक विजय शंकर दुबे के समर्थक भी दुबे को नेता चुने जाने के लिए नारे लगा रहे थे. यही नारेबाजी बढ़ती गई और सिद्धार्थ सिंह और विजय शंकर दुबे के समर्थक आपस में भिड़ गए और आपस में खूब लात-घूंसे चले.
बिहार के नवनिर्वाचित विधायकों की ऐसी हरकत देखने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने विधायक दल का नेता चुनने के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पाण्डेय को अधिकृत कर दिया है. दोनों नेताओं ने सभी कांग्रेस विधायकों से एक-एक कर बातचीत की तो कई ऐसे विधायक सामने आये जिन्होंने खुद को नेता पद के लिए पेश किया.
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ऐसे हालात में कांग्रेस आलाकमान के सामने सबसे बड़ी समस्या यह आ गई है कि विधायक दल का नेता किसे चुना जाए ताकि विधायकों के बीच एकजुटता बनी रहे और कोई ग़लतफ़हमी न फैले. कांग्रेस ऐसा नेता चुनना चाहती है जो सबको स्वीकार्य हो ताकि भविष्य में इन विधायकों के बीच तोड़फोड़ न की जा सके.