प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. आठ महीने से लगातार बंद चल रहे साप्ताहिक बाज़ारों को एक बार फिर गुलज़ार होने के लिए हरी झंडी मिल जाने से मायूस व्यापारियों के चेहरों पर मुस्कान आ गई है. दस हज़ार परिवारों को रोजी-रोटी देने वाले साप्ताहिक बाज़ारों के मुद्दे को जुबिली पोस्ट ने प्रमुखता से उठाया था.
व्यापारी नेता वसीउल्ला आज़ाद ने बताया कि उत्तर प्रदेश के सभी शहरों में लॉकडाउन में बंद हुए बाज़ार अनलाक के बाद फिर से खुल गए थे लेकिन लखनऊ में लगने वाले साप्ताहिक बाज़ारों को खोलने की अनुमति नहीं मिली थी.
व्यापारी सक्सेना अनिल सक्सेना ने बताया कि बाज़ार बंद होने की वजह से व्यापारियों के घरों में भुखमरी की नौबत आ गई. लोगों के किचेन का सामान भी खत्म हो गया.
व्यापारी इस्माइल, विनोद कुमार गुप्ता और लक्ष्मण मामा ने बताया कि व्यापारी लगातार पुलिस और प्रशासन से सम्पर्क साधते रहे लेकिन बाज़ार खोलने की इजाजत उन्हें नहीं मिल पाई.
ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगीमहली से साप्ताहिक बाज़ार के व्यापारियों ने मुलाक़ात की तो मौलाना ने व्यापारियों का मांग पत्र उप मुख्यमंत्री, पुलिस कमिश्नर और जिला मजिस्ट्रेट को भेजा. मौलाना ने पुलिस और प्रशासन से भी बात की. इस बातचीत के बाद रविवार को नक्खास बाज़ार में लम्बे अरसे के बाद साप्ताहिक बाज़ार लगा.
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कल मंगलवार को साप्ताहिक बाज़ार पुराने अंदाज़ में नज़र आएगा. हालांकि व्यापारियों को कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए मुंह पर मास्क लगाना होगा. सैनेटाईज़र का इस्तेमाल करना होगा. साथ ही यह कोशिश भी करनी होगी कि बाज़ार में बहुत ज्यादा भीड़ न हो.