जुबिली न्यूज डेस्क
राज्यसभा के लिए उत्तर प्रदेश की 10 सीटों के लिए सभी प्रत्याशी निर्विरोध चुन लिए गए। सोमवार को नाम वापस लेने की अवधि खत्म होते ही चुनाव अधिकारी ने प्रत्याशियों के निर्विरोध निर्वाचित होने की घोषणा की। इसी के साथ इतिहास में बीजेपी पहली बार राज्यसभा में सबसे बेहतर स्थिति में पहुंच गई है और कांग्रेस अपने इतिहास के सबसे खराब हाल में। लेकिन इस पूरे परिणाम का दिलचस्प पहलू ये है कि बीजेपी प्रत्याशी रामजी गौतम बसपा विधायकों के विद्रोह के बावजूद यह सीट जीतने में कामयाब हुए। उनकी जीत को सुनिश्चित किया बीजेपी विधायकों से मिले वोटों ने।
राज्यसभा में उत्तर प्रदेश कोटे से 31 सीटें हैं। इनमें अब सर्वाधिक 22 सीटें भारतीय जनता पार्टी की हो जाएंगी। जबकि समाजवादी पार्टी के पास पांच और बसपा के खाते में तीन सीटें रहेंगी। कांग्रेस के पास अब उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की सिर्फ एक सीट रह जाएगी।
#Correction: Ten candidates- eight from Bharatiya Janata Party and one* each from Samajwadi Party and Bahujan Samaj Party elected unopposed to Rajya Sabha from Uttar Pradesh. pic.twitter.com/IBHQCr4eDb
— ANI UP (@ANINewsUP) November 2, 2020
उत्तर प्रदेश की इन सीटों से राज्यसभा पहुंचे लोगों में बीजेपी की ओर से केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, अरुण सिंह, पूर्व डीजीपी बृजलाल, नीरज शेखर, हरिद्वार दुबे, गीता शाक्य, बीएल शर्मा और सीमा द्विवेदी शामिल हैं।
वहीं एक सीट समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव और एक सीट बहुजन समाज पार्टी के रामजी गौतम के खाते में गई है। भाजपा से निर्वाचित सदस्य बृजलाल ने बताया कि उन सभी का कार्यकाल 25 नवंबर 2020 से 24 नवंबर 2026 तक रहेगा।
यह भी पढ़ें : बेटे की मौत के बाद यह अनोखी मुहीम छेड़ने वाले हैं सांसद कौशल किशोर
यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : लव – जेहाद – राम नाम सत्य
आपको बता दें कि 25 नवंबर को राज्यसभा के 10 सांसदों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इनमें तीन सांसद बीजेपी के, चार समाजवादी पार्टी के, दो बीएसपी के और एक कांग्रेस के नेता शामिल हैं।
राज्यसभा चुनावों में बीजेपी यूपी में 9 प्रत्याशी जीतने की स्थिति में थी, लेकिन उसने सिर्फ 8 प्रत्याशी उतारते हुए एक सीट खाली छोड़ दी थी। बीजेपी के इस दांव ने जहां सबको चौंका दिया था, वहीं कांग्रेस और एसपी ने बीजेपी और बीएसपी के गठजोड़ का आरोप लगाया था।
दरअसल बहुजन समाज पार्टी के पास 19 विधायक है, जो कि उसके राज्यसभा उम्मीदवार को जीताने के लिए खाफी नहीं था। लेकिन फिर भी मायावती ने अपना कैंडिडेड को खड़ा कर सबको चौंका दिया था। अब बसपा उम्मीदवार के बाद सब इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि जब प्रर्याप्त वोट नहीं थे तो रामजी गौतम कैसे जीते?
यह भी पढ़ें : चुनाव आयोग के इस अधिकार पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
यह भी पढ़ें : महिलाओं के कपड़े उतरवाने वाले एयरपोर्ट अधिकारियों पर चलेगा मुकदमा
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की राज्यसभा की 11 सीटों पर नतीजे साफ होने के बाद राज्यसभा में बीजेपी अब तक के शिखर पर है, वहीं कांग्रेस की सीटें इतिहास में सबसे कम हो गई हैं। अब बीजेपी के पास कुल 92 सीटें हो जाएंगी, वहीं कांग्रेस के पास सिर्फ 38 सीटें बचेंगी।
अगर बात करें एनडीए की तो अब राज्यसभा में एनडीए की कुल सीटों की संख्या 112 हो जाएगी। यह संख्या बहुमत के आंकड़े से सिर्फ 10 सीटें दूर है। आपको बता दें कि राज्यसभा में कुल सीटें 245 हैं जिनमें से 12 सीटों पर राष्ट्रपति सदस्यों को नामांकित करते हैं। बाकी सीटों पर चुनाव होता है।